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उत्तराखंड

रुद्रपुर में भाईचारा एकता मंच के अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का एक और मुकदमा।सरकारी जमीन अपनी बताकर 10 लाख हड़पने का आरोप। पिछले दिनों तीन माह के लिए हुआ था जिला बदर। सरकारी जमीन को अपनी बताकर कई लोगों से कर चुका है ठगी

रुद्रपुर (खबर धमाका)। अभी हाल में ही तीन माह के लिए जिला बदर हुए भाई चारा एकता मंच के अध्यक्ष केपी गंगवार की मुसीबतें कम नही हो रही। एक व्यक्ति ने केपी गंगवार पर नजूल भूमि का करोड़ों में सौदा करने के बाद बयाने में लिए 10 लाख रूपये हड़प लेने का आरोप लगाते हुए रपट दर्ज कराई है।

फाइल video, केपी गंगवार को जिला बदर करती पुलिस 

एसएसपी के निर्देश पर दर्ज कराई गई रपट में परमजीत सिंह पुत्र राजपाल सिंह, निवासी वार्ड 33, शांति विहार कालोनी, जगतपुरा,ने कहा है कि वह प्रोपर्टी डीलिंग का कार्य कर अपना भरण पोषण करता है। उनका कहना है एक व्यक्ति कांता प्रसाद गंगवार पुत्र लालता प्रसाद निवासी वार्ड पहाड़गंज माह मई 2024 में उससे मिला और कहा कि उसके पास एक जमीन उसके अपने कब्जे तथा हर प्रकार के विवादों से पाक साफ है। जिसका 2.50 करोड़ रूपये में सौदा करने की बात की। भूमि उसे एवं उसके प्रापर्टी डीलिंग के साझीदारों को पसंद आने पर उक्त कांता प्रसाद ने उससे 13 मई 2024 व 14 मई 2024 को नगद 10 लाख रूपये बयाना लेने के पश्चात एक इकरारनामा तहरीर करके दिया। महोदय, उक्त इकरारनामा 21जून 2024 को कांता प्रसाद ने अपने गवाहान को अपने कार्यालय आवास विकास में बुलाया। वह भी अपने साथ अपने गवाहान को ले गया। उक्त इकरारनामा कांता प्रसाद ने लिखवाकर उसके सामने मंगवाया। तब कांता प्रसाद ने कहा कि यह इकरारनामा उसे दे दो दस्तखत करके तथा नोटरी करवाकर अपने मित्र से भिजवा दूंगा। लेकिन लगभग एक सप्ताह तक नही भिजवाया। 4 जुलाई 2024 को अपने साथी से उसके पास भिजवाया जिस पर उसके दस्तखत थे, लेकिन नोटरी नही था। इस बीच उसने उक्त भूखण्ड की जाँच पड़ताल तहसील एवं नगर निगम रूद्रपुर में की तो यह पता चला कि उक्त भूखण्ड नगर निगम रूद्रपुर के नजूल की भूमि है तथा उक्त भूखण्ड को Úीहोल्ड कराये जाने के लिए कांता प्रसाद प्रयासरत है जो अभी नही हुई है और उक्त भूमि पर न्यायालयों में कांता प्रसाद से तथा नगर निगम रूद्रपुर के बीच विवाद भी चल रहा था। ऐसी स्थिति में उसे लगा कि कांता प्रसाद ने सरकारी जमीन को अपना बताकर विक्रय करने हेतु उससे झूठ बोलकर 10 लाख रूपये बतौर बयाना ले लिया है और छल-कपट कर धोखाधड़ी करते हुए अपने नाम से स्टाम्प खरीदकर फर्जी तौर पर सरकारी जमीन को अपना बताते हुए सौदा किया। कांता प्रसाद ने बयाने की धनराशि यह कहकर मना कर दिया कि वह अब भी उक्त भूमि की रजिस्ट्री करने को तैयार है और वह हर हाल में भूमि की रजिस्ट्री कर देगा। परन्तु वह रूपये वापिस नहीं करेगा। कांता प्रसाद गंगवार द्वारा उसको उसकी धनराशि ना तो लौटायी जा रही है, बल्कि जान से खत्म कर देने की धमकी भी दी जा रही है। पुलिस ने रपट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।                      बताया जा रहा कि जिस जमीन को अपनी बताकर भाई चारा एकता मंच के अध्यक्ष पर दस लाख रुपए हड़पने का मुकदमा दर्ज है,उसकी केपी कई और लोगों से भी सौदा कर चुका है। पुलिस की मानें तो आरोपी के खिलाफ पहले ही धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं, पिछले माह डीएम के निर्देश पर उसे तीन माह के लिए जिला बदर किया गया था, जिसमें आरोपी हाईकोर्ट से स्टे लेकर वापस लौट आया है।

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