उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा बीज कमंडल,डॉ. संजय कुमार।राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जैव प्रौद्योगिकी परिषद् में कार्यशाला आयोजित
नरेन्द्र राठौर
पंतनगर(खबर धमाका)। उत्तराखण्ड के तेइसवें स्थापना दिवस पर उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् में पर्वतीय बीज कमंडल निमार्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीज कमंडल प्रयोगशाला में उपयोग के बाद बचे हुए कल्चर मीडिया व मिट्टी से तैयार किये गए है, जिसमे माइक्रो व मैक्रो न्यूट्रिएंट्स पर्याप्त मात्रा में होती है। नमी पाते ही माइक्रो व मैक्रो न्यूट्रिएंट्स के सहयोग से बीज कमंडल में स्थापित बीज शीघ्र अंकुरित (जेर्मिनेट) होकर पौध के रूप में तैयार हो जाते हैं। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा विकसित व खोज की गयी इन बीज कमण्डलों को राज्य स्थापना दिवस पर तैयार किया गया।
निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि निमार्ण किये गये बीज कमंडल से प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में वनीकरण व जैवविविधता को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही बीज कमंडल पर्वतीय क्षेत्रों को हरा-भरा करने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए वरदान साबित होंगे। परिषद द्वारा विकसित बीज कमण्डलों आवश्यकतानुसार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में वनस्पतियों के उगाने व वनीकरण क्रांति में कारगर साबित होंगे।
उसी क्रम में परिषद द्वारा विकसित बीज कमण्डलों के निर्माण के लिए निदेशक डा. संजय कुमार एवं डॉ. सुमित पुरोहित को रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित कार्यक्रम में आशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया। वहीं परिषद के वैज्ञानिक डॉ. मणिन्द्र मोहन को भी कम समय मे अधिकतम जल नमूनों को संग्रह व परीक्षण करने के लिए आशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान वॉइस एशिया न्यूज़, ब्रेनीवुड साइंस लैब एवं रे फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
बीज कमंडलो के निर्माण में आर.ए.एन पब्लिक स्कूल, रूद्रपुर, डी.पी.एस. रूद्रपुर एवं हल्द्वानी, हीरावती मधानन्द जोशी सरस्वती विहार स्कूल, शांतिपुरी, कैम्पस स्कूल, पन्तनगर के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, परिषद् के कार्मिकों सहित 305 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिसके लिए आशियन वर्ल्ड रिकार्ड संस्था ने रिकॉर्ड की स्वीकृति दी थी।