मां के इंतजार में बच्चों ने तोड़ा दम।36घंटे बाद भी लौटकर नहीं आई मां।हल्द्वानी में मिले लैपर्ड का मामला, सिर्फ तमासवीन वनी रहीवन विभाग टीम,लापरवाही आई समाने
नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। हल्द्वानी में आखिर ‘मां’ के इंतजार में 36 घंटे बीत गए, आखिर जुड़वा बच्चों भूख व सर्दी के कारण दम तोड़ दिया! मामले में वन विभाग की टीम की बड़ी लापरवाही समाने आई है।
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गौरतलाब है कि सोमवार को प्रातः हल्द्वानी में हरिपुर मोतिया क्षेत्र बेलबाबा भाखड़ा रेंज तराई केंद्रीय वन विभाग में आज सुबह दो लैपर्ड के बच्चे दिखाई देने से लोगों में दहशत फ़ैल गई। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई गई थी।जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी हरिपुर मोतिया क्षेत्र बेलबाबा भाखड़ा रेंज तराई केंद्रीय वन विभाग क्षेत्र में एक महिला आज घास काटने गई थी। महिला के मुताबिक जब वह घास काट रही थी, तभी एक छोटे से बच्चे ने उसके हाथ पर पंचा मार दिया।पहले तो उसे लगा कि वह बिल्ली का बच्चा है, लेकिन गौर से देखने पर उसे पता चला कि यह लैपर्ड का बच्चा है, उससे तत्काल अपने पति को आवाज देकर मौके पर बुलाया तो देखा कि एक नहीं दो बच्चे हैं। उन्होंने तत्काल मामले की सूचना वन विभाग की टीम को दी।वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों बच्चों की निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए हैं। वन विभाग के मुताबिक बच्चे एक माह के प्रतीत होते हैं। बच्चों की मां लोगों के आने के बाद जंगल की तरफ चली गई है। वन विभाग की अधिकारियों की मानें तो वह बच्चों को लेने जरुर आयेंगे। इधर लैपर्ड के बच्चे मिलने से लोगो में दहशत फैली हुई है| वन विभाग का कहना था कि 24 घंटे के उनकी मां आवश्यक आएगी, परंतु सारी रात भर कर वनकर्मी इंतजार करते रहे, कैमरे लगाए गए ,परंतु लैपर्ड नहीं आई, आज सुबह- वन कर्मियों ने झांक कर देखा, कि दोनों बच्चे खत्म हो चुके हैं, कर्मियों ने रेस्क्यू करके पोस्टमार्टम कराया गया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मैं भूखे प्यासे व सर्दी लगने से मौत बताई गई है, अधिकारियों की देखरेख में दोनों लैपर्ड की अंत्येष्टि कर दी गई। इधर दूसरी ओर नवीन रौतेला वन क्षेत्रीय अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उम्मीद थी कि उनकी मां 12 घंटे के अंदर अपने बच्चों को देखना आवश्यक आएगी, परंतु 35 घंटे बाद भी नहीं आई, जिसके कारण बच्चों को उसका दूध एवं सर्दी का बचाव नहीं हो सका, और आज सुबह दोनों मृत्यु पाए गए। जिनको अधिकारियों की देखरेख जला दिया गया।इधर लैपर्ड के बच्चों की भूख प्यास और ठंड से मौत के मामले में वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना कि जैसे ही लैपर्ड के बच्चे मिले तभी सूचना पर वन विभाग के कर्मी पहुंच गया थे, लेकिन वह सिर्फ उनकी मां के लौटने का इंतजार करते रहे, जबकि वन की टीम को बच्चों की दूध,पानी के साथ ठंड से बचाव के उपाय करने चाहिए थे,जो नहीं किए गए, यदि वन विभाग की टीम बच्चों की सुरक्षा के पर्याय इंतजार करते लैपर्ड के बच्चों की मौत नहीं होती