जी हजूर करने वाले भी छोड़ गए साथ! रामपाल की विदाई, छोड गई कई सवाल। नियमों के विरुद्ध 13 करोड़ के शिलान्यास से दूर रहें निगम के अफसर। चापलूस बताते रहे शानदार,मेयर के चेहरों पर छाई रही मायूसी। ठेकेदारों ने की भोजन पानी की व्यवस्था
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। रुद्रपुर नगर निगम के मेयर राम पाल अपने पांच साल के कार्यकाल में कई सवाल छोड़ गए। कार्यकाल के अंतिम दिन भी वह जिस काम के लिए महसूर थे, उन्होंने वही किया,विना वर्क आर्डर के मेयर ने 127 कामों का शिलान्यास कर दिया। लेकिन उनके चेहरे पर छाई मायूसी और परेशानी साफ झलक रही थी,कि नगर निगम में उनका अंतिम दिन कितना खराब रहा है।
बजह भी साफ थी, क्योंकि मेयर रामपाल जो कर रहे थे,वह किसी भी लिहाज से ठीक नहीं था,इसी बजह से उनके कार्यक्रम से मुख्य नगर अधिकारी, अधिशासी अभियंता समेत निगम के सभी अफसर और अधिकारी दूर रहें। कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि, विधायक यह तक के क्षेत्र में होने के बाद भी सांसद सरीक नहीं हुए, कांग्रेस के पार्षदों ने दूरी बनाए रखी तो भाजपा के कुछ पार्षद भी विदाई और लोकार्पण कार्यक्रम में नहीं पहुंचे,जो अपने आप में बड़ा सवाल है! सूत्रों की मानें तो इस सबके पीछे मेयर की विवादित तभी औरत विदाई समारोह की आड़ में किए जा रहे करीब 13 करोड़ के लोकार्पण मुख्य बजह थी। निगम से जुड़े सूत्रों की मानें तो टेंडर के बाद सबसे पहले ठेकेदारों को पत्र भेजा जाता है, जिसके बाद उन्हें एफडीआर जमा करनी होती है,और फिर वर्क आर्डर जारी होता है, फिर शिलान्यास का कार्य किया जाता,मेयर ने अपने अंतिम दिन जिन कामों का ठेकेदारों के साथ मिलकर शिलान्यास किया है,उनका टेंडर पूल किया गया, लेकिन अभी तक ठेकेदारों को वर्क आर्डर तो दूर पत्र भी नहीं भेजा गया। ऐसे में यदि मेयर के शिलान्यास कार्यक्रम में नगर आयुक्त, अधिशासी अभियंता व अधिकारी मेयर के कार्यक्रम में शामिल होते तो उनपर सवाल खड़े होते, इसलिए उन्होंने मेयर के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। बताया जाता कि मेयर ने अपने विदाई और शिलान्यास कार्यक्रम में भाजपा के विधायक, सांसद प्रतिनिधि ल अन्य बड़े नेताओं को बुलावा भी नहीं भेजा था, यहां तक के पत्थरों पर उनका नाम भी नहीं था, अधिकांश पत्थरों पर कांग्रेस और पार्टी लाइन से अलग चल रहे लोगों के ही नाम ही अंकित थे।इसके पीछे मेयर की क्या मंशा है,यह अभी साफ नहीं हो पाई है, बताया जाता कि मेयर ने विदाई समारोह में भोजन पानी की जो व्यवस्था की थी,वह ठेकेदारो की तरफ से कराई गई थी,अब ठेकेदार मेयर पर इतने मेंहरबान क्यों हुए,उनका मेयर से क्या लगाव है,यह सब जानते हैं।
बाहरहाल यानी की पूरी तरह साफ है कि मेयर के अंतिम दिन निगम के अधिकारी, कर्मचारी कल तक जी हजूरी कर रहे थे, उन्होंने पूरी तरह दूरी बना ली थी। भाजपा के अधिकांश लोग भी इसी बजह से मेयर के कार्यक्रम से दूर रहें। जो चर्चा का बिषय बना हुआ है,जो मेयर अपने कार्यकाल में सबका साथ सबका विकास का झांसा करते हैं, आखिर उसने सब नाराज क्यों है। क्या मेयर ने झूठ फरेब कर सिर्फ अपना विकास किया है,या फिर वह सिर्फ चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने में बदनाम हो गए,यह आने वाले समय में साफ होगा। फिलहाल मेयर राम पाल के कार्यकाल का अंतिम दिन बेहद निराशा भरा रहा है।