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उधमसिंह नगर

नानकमत्ता गुरुद्वारे के पूर्व डायरेक्टर एक मामले में कोर्ट से बरी। बोले सत्य की हुई जीत,संगत ने अरदास कर न्याय प्रणाली की कि सराहना

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। रुद्रपुर में तराई सिख महासभा के अध्यक्ष और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के पूर्व महासचिव प्रीतम सिंह संधू ने आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।16 जून 2019 में सरदार प्रीतम सिंह संधू और सरदार केहर सिंह के खिलाफ एक एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी। जिसमें, जब नानकमत्ता साहिब के एक सेवादार ने गुरुद्वारे की सेवा से हटने के कुछ महीने बाद अपने निजी कारणों के चलते आत्महत्या कर ली थी, उस मसले में सरदार प्रीतम सिंह संधू और सरदार केहर सिंह को इस मसले में आरोपित बनाकर नामजद कर लिया गया था। शुरू से ही इस बात का आम चर्चा था कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, नानकमत्ता साहिब पर अपने वर्चस्व को कायम करने के लिए झूठे पुलिस केसों का सहारा लिया जाता रहा है।

केस के फैसले को मुकाम तक ले जाने में वकीलों की मुख्य भूमिका में एडवोकेट ए डी मैसी और उनके साथ एडवोकेट गुरजीत सिंह सेंगर रहे, जिन्होंने अपनी योग्यता और सच के आधार पर इन निर्दोष लोगों पक्ष माननीय कोर्ट में रखा।नानकमत्ता साहिब की बात करें तो रिसीवर से पहले और 2016 में 18 साल से बैठे रिसीवर हटने के बाद बनी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन में प्रीतम सिंह संधू महासचिव और केहर सिंह बतौर सचिव सेवा संभाल रहे थे।

रुद्रपुर स्थिति आवास विकास गुरुद्वारे में पत्रकारों को जानकारी देते नानकमत्ता गुरुद्वारे के पूर्व जनरल सिक्रेटरी प्रीतमसिंह संधू 

विदित रहे कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब पर जो 18 साल रिसीवर बैठा रहा था, उस रिसीवर सिस्टम को हटाकर प्रबंधक कमेटी बनवाने में 8 साल तक प्रीतम सिंह संधू ने इलाके की संगत के सहयोग से आंदोलनों के रूप में और कोर्ट के द्वारा अग्रणी भूमिका निभाई थी।

इससे पहले के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के विवाद में कई ऐसे गंभीर पुलिस केस करवाए गए थी, जो सरासर झूठ पर आधारित थे।
जिसमें मुख्य रूप से 85 साल के महेंद्र सिंह और मरहूम 75 साल के प्रीतम सिंह बाजवा पर रेप के केस करवाए गए। जो बाद में झूठे साबित हुए।उसके बाद फतेहजीत सिंह और एक अन्य व्यक्ति पर गैंगरेप का झूठे केस डलवाया गया, जो बाद में झूठा साबित हुआ।उसके बाद नानकमत्त साहिब के दलजीत सिंह और उनके एक साथी पर गैंगरेप के केस लिखवाए गए, जो बाद में झूठे पाए गए।

एक अन्य केस जो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर रणजीत सिंह के द्वारा एक केस प्रबंधक कमेटी के सचिव केहर सिंह के खिलाफ लिखवाया था, जो आज से दो दिन पहले 17 अक्टूबर 2024 को खटीमा कोर्ट में झूठा साबित हुआ और केहर सिंह जी को कोर्ट ने उस केस में बाइज्जत बरी कर दिया।18 अक्टूबर 2024 को IPC 306 के केस में प्रीतम सिंह संधू और केहर सिंह को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया।बताते चलें कि इसके अलावा भी तरसेम सिंह हत्याकांड में भी प्रीतम सिंह संधू, हरबंस सिंह चुघऔर वीर अनूप सिंह जी को नामजद करने को लेकर भी संगत में काफी रोष है।         इसके अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा 4 डायरेक्टरों के खिलाफ एक एस.सी.एस.टी. केस में भी फसाया गया है।                                                 शनिवार को गुरुद्वारा दशमेश नगर, रुद्रपुर में उस मौके पर प्रीतम सिंह संधू की के साथ लगभग 100 लोगों गुरु महाराज का शुक्राना किया गया और अरदास की गई।आज की एकत्रता में प्रीतम सिंह संधू के अलावा रणजीत सिंह, वजिंदर सिंह, सूरत सिंह, बलदेव सिंह, अमरजीत सिंह, दविंदर सिंह, अमरजीत सिंह वर्क, निर्मल सिंह हंसपाल, प्रतपाल सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर, सिमरनजीत सिंह, प्रभजीत सिंह, शिवदेव सिंह, बलजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, कुलविंदर सिंह, सतनाम सिंह, मंजीत सिंह, महकराज सिंह, जसवीर सिंह, हरी सिंह, धर्म सिंह, जगदीश सिंह, इकबाल सिंह, चरणजीत सिंह, जसवंत सिंह, आदि कई लोग मौजूद थे।

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