अच्छी खबर,अब मोबाइल और लैपटॉप की बैटरी देगी चार गुना बैकअप।पंत विवि के वैज्ञानिकों ने निकाला इस समस्या का हल।आसानी से तैयार हो सकती वैट्री
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। अगर आप मोबाइल-लैपटॉप का अधिक इस्तेमाल करते हैं और बैटरी के जल्द डिस्चार्ज होने से परेशान हैं तो गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस समस्या का हल निकाल लिया है। विवि ने सस्ती और उच्च ऊर्जा संरक्षित बैटरी के लिए ग्रेफाइट युक्त इलेक्ट्रोड के निर्माण में सफलता हासिल करने के बाद इसका पेटेंट भी दाखिल कर दिया है।
इससे बैटरी के जल्द डिस्चार्ज होने की दिक्कत अब बीते जमाने की बात हो जाएगी। जनसंख्या वृद्धि के चलते ऊर्जा (पेट्रोलियम, कोयला व सोलर आदि) का उत्पादन और उसके संरक्षण की बहुत जरूरत महसूस की जा रही है। इसका हल ढूंढने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक प्रयत्नशील हैं। हरितक्रांति के जनक विश्वविख्यात पंतनगर विवि ने इसमें बाजी मारकर एक बार फिर अपने हुनर का लोहा मनवाया है।
यहां के शोधार्थियों ने रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. एमजीएच जैदी के निर्देशन में सात वर्षों की मेहनत के बलबूते इलेक्ट्रोड के माध्यम से दो हजार फैरेट (चार्ज को स्टोरेज करने की क्षमता) प्रति ग्राम तक की ऊर्जा का उत्पादन कर दिखाया है। भविष्य में इस प्रकार के इलेक्ट्रोड लीथियम आयन (क्लोराइड या साल्ट) बैटरी की दक्षता बढ़ाने में सहायक होंगे। यही इलेक्ट्रोड मोबाइल, लैपटॉप आदि की बैटरियों की चार्जिंग और बैकअप क्षमता का निर्धारण करते हैं। विवि का यह शोध व्यावसायिक तौर पर अमल में आते ही क्रांतिकारी परिवर्तन वाला साबित होगा। इस पर अब तक 12 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
सरलता से तैयार करना मुमकिन
विवि के रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ जैदी ने बताया कि इलेक्ट्रोड बनाने की विधि अत्यंत सरल है। स्टील की प्लेट को विशिष्ट आकार के टुकड़ों में काटकर उसकी सतह को रेगमाल से घिसकर रूखा बना देते हैं। इस टुकड़े पर बेगलाइट, चलायमान बहुलक (पॉलीमर), विशिष्ट प्रकार के लवण और अल्प मात्रा में अवलायमान बहुलक के सब मिश्रण को लेप देते हैं। लेपन की इस प्रक्रिया में साधारण तापमान पर 6-7 घंटे लगते हैं। बाद में हल्के गर्म तापमान पर सुखाने के बाद उनका परीक्षण किया जाता है।
इस परीक्षण के लिए विभिन्न प्रकार की अस्थायी बैटरियों को विकसित किया जाता है।
ऊर्जा संरक्षण में उपयोगी ग्रेफाइट युक्त इलेक्ट्रोड के निर्माण में उपयोगी रासायनिक पदार्थ आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं। तकनीक द्वारा विकसित इलेक्ट्रोड अम्लीय, क्षारीय एवं उदासीन माध्यमों में विद्युत रासायनिक ऊर्जा का उत्कृष्ट संरक्षण करते हैं। भविष्य में इस प्रकार के इलेक्ट्रोड शुष्क बैटरियों की दक्षता कई गुना बढ़ाने में सहायक होंगे।
– एमजीएच जैदी, प्राध्यापक रसायन विज्ञान विभाग, जीबी पंत विवि, पंतनगर।