बाजपुर के जसपाल व सुखदेव ने उपलब्ध कराई राइफल,तीन गिरफ्तार।बाबा तरसेम हत्याकांड के दोनों शूटरों पर अब एक एक लाख का ईनाम चार मददगारों को पुलिस पहले भेज चुकी है जेल दो सप्ताह बाद भी पुलिस पकड़ से बाहर है आरोपी
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के एतिहासिक गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब के सेवादार बाबा तरसेम सिंह की दिन दहाड़े हत्या करने वाले शूटरों पर एसएसपी ने अब ईनाम की राशी बढ़ाकर एक एक लाख हजार कर दी है। वहीं पुलिस ने शूटरों को राइफल उपलब्ध कराने वाले बाजपुर के दो लोगों समेत तीन लोगों हत्याकांड की साज़िश में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना में अब तक आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
रविवार को एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसपी सिटी मनोज कत्याल, एसपी काशीपुर अभय सिंह के साथ पत्रकारों से रूबरू हुए उन्होनें बताया कि नानकमत्ता गुरूद्वारे के बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में पुलिस दोनों शूटरों की तलाश में जुटी है। दोनों पर अब एक एक लाख का ईनाम घोषित कर दिया गया है। एसएसपी बताया कि जांच में पता चला कि परगट सिंह निवासी तलपुरा बिलसंडा पीलीभीत व सुल्तान सिंह निवासी दहडा थाना विलासपुर भी बाबा की हत्याकांड में शामिल थे। पुलिस का दावा है कि सुल्तान ने ही शूटर अमरजीत को बाबा कि हत्या के लिए राजी किया था । शनिवार को परगट को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने बताया कि दोनों शूटरों को बाजपुर केशोवाला मोड़ निवासी जसपाल सिंह व सुखदेव सिंह गिल पुत्र सत्यपाल सिंह निवासी बन्नाखेड़ा बाजपुर ने 17 मार्च को 315 शोर की राइफल उपलब्ध कराई थी। दोनों अपनी कार से नानकमत्ता राइफल पहुंचाने गए थे। उन्होंने बताया कि जसपाल और शूटर अमरजीत सिंह आपस में फुफेरे भाई है। जसपाल पहले शूटर अमरजीत सिंह के गांव सिहोर विलासपुर में ही रहता है। जसपाल के खिलाफ 09 मुकदमे दर्ज हैं,वह किच्छा कोतवाली का गैंगस्टर है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।उन्होंने बताया कि दोनों शूटरों की तलाश में पुलिस की एक दर्जन टीमों के साथ एसटीएफ और एसओजी भी अलग-अलग राज्यों में डेरा डाले हुए हैं। हालंकि दो सप्ताह बाद भी पुलिस को अभी दोनों शूटरों को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है।बता कि 29 मार्च की सुबह नानकमत्ता गुरूद्वारे साहिब के मुख्य सेवादार बाबा तरसेम की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी,जब वह कुर्सी पर बैठे थे, हत्याकांड के बाद पूरे जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया, पुलिस ने आरोपियों की धड़पकड़ के लिए पूरे जिले में अभिनय चलाया था, पुलिस ने घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज भी जारी की थी। आरोपियों की पहचान पंजाब के तरन तारन निवासी सर्वजीत सिंह और दूसरे की अमरजीत सिंह निवासी ग्राम सिहौर बिलासपुर रामपुर के रुप में की गई थी। दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की एक दर्जन टीमें लगी है। लेकिन चार दिन बीतने के बाद दोनों आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने गठित एसआईटी एक asp,दो एसपी,03 co समेत करीब 83 इंस्पेक्टर, एसआई, एएसआई, हे कांस्टेबल और कांस्टेबल तैनात कर दिए हैं।