नर्स हत्याकांड में विधानसभा का घेराव करने जा लोगों का पुलिस ने रोका पुलिस और आंदोलकारियों में नोक झोक किच्छा विधायक बोले लोकतंत्र की हो रही हत्या।विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
नरेन्द्र राठौर/गदरपुर(खबर धमाका)। रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत गदरपुर निवासी एक नर्स की दुष्कर्म एवं हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर गैरसेंण विधानसभा के समक्ष धरना प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने गदरपुर क्षेत्र में ही रोक लिया। इस दौरान कांग्रेसियों ने जाम लगा दिया। कांग्रेसियों की पुलिस के साथ नोंक झोंक भी हुई। पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन के नेतृत्व में कांग्रेसियों का एक दल गैरसैण के लिए निकला था, जहां विधानसभा सत्र के दौरान नर्स तसलीम जहां हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाना प्रस्तावित था। गैरसैंण के लिए जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रविवार बाजार के पास रोक लिया । इस दौरान मौके पर पहुंचे एसपी सिटी निहारिका परिहार एवं एसडीएम गौरव पांडे ने कांग्रेसियों को काफी देर तक समझाने का प्रयास किया परंतु वे अपने निर्णय पर अडिग रहे और धरना प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया ।मौके पर करीब एक घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने कहा कि सरकार द्वारा उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उनका मकसद केवल विधानसभा सत्र के बाहर धरना देकर न्याय की मांग करना था । उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करके पुलिस प्रशासन ने उन्हें गैरसैंगण जाने से रोक लिया । इस दौरान शादाब ने कहा कि हम लोग शांति पूर्वक गैसरैंण के लिए निकल रहे थे तभी अचानक पुलिस और प्रशासन ने हमें रोका और जाने से मना किया। काफी मशक्कत के बाद सभी लोग निकले। इस दौरान थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान मय पुलिस फोर्स के मौजूद रहे। धरना प्रदर्शन करने वालों में युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर,अनिल सिंह, शादाब, सिद्धार्थ भुसरी ,शाकिर अली, जुनैद अंसारी,फैजान खान और प्रशांत सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे ।
इधर आंदोलकारियों को पुलिस द्वारा जबरन रोके जाने पर किच्छा विधायक तिलक बेहड कड़ा बयान जारी किया है। किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जिस प्रकार गदरपुर में पुलिस ने विधानसभा का घेराव करने जा रहे लोगों को लोगों को रोका है,वह लोकतंत्र की हत्या है। वह इस मामले को विधानसभा में उठायेंगे।