प्रीत बिहार निर्माणाधीन भवनों पर चलेगा बुल्डोजर।प्रशासन की संयुक्त टीम को सीलिंग की जमीन पर कई जगह मिले अवैध निर्माण।सम्बन्धित विभागों के कर्मचारियों की सह पर सीलिंग की जमीन पर लंबे से हो रहे निर्माण
रुद्रपुर(खबर धमाका)। रुद्रपुर के वार्ड नंबर 25 प्रीत बिहार में सीलिंग प्रभावित क्षेत्र में अवैध रुप से निर्माण करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। एडीएम नजूल/ सचिव प्राधिकरण ने संयुक्त निरीक्षण के बाद सभी निर्माणाधीन भवनों को ध्वस्त करने के निर्देश है। उन्होंने जो भवन बन चुके हैं उन्हें नोटिस देने के साथ पूर्व में भवनों में रहे लोगों का सत्यापन करने और सीलिंग व अवैध कालोनियों में भवन बनाने वाले लोगों को बिजली कनेक्शन देने पर भी रोक लगा दी है। प्रशासन के अचानक हरकत में आने से अवैध निर्माण करने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
https://www.facebook.com/share/v/16fJBSUw4u/
https://www.facebook.com/share/v/1JBXib1XYg/
https://www.facebook.com/share/v/16aTtcnfTn/
सीलिंग की जमीन पर अवैध निर्माण पर एडीएम नजूल सचिव प्राधिकरण पंकज उपाध्याय की सुनिए बात
मंगलवार को एडीएम नजूल, तहसीलदार दिनेश कटौला,नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल पुलिस फोर्स के साथ रुद्रपुर के सीलिंग प्रभावित क्षेत्र प्रीत बिहार पहुंचे, जहां उन्होंने सबसे पहले पंचवटी कालौनी का निरीक्षण कर अवैध निर्माण को तत्काल ध्वस्त करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान टीम को सीलिंग प्रभावित क्षेत्र में कई भवन ऐसे मिले, जिनमें निर्माण चल रहा था, हालांकि टीम के पहुंचने से पहले अवैध निर्माण करने वाले गायब हो चुके थे, बताते कि जिन विभागों की अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी है,उन्हीं के कुछ कर्मचारी भू-माफियाओं से मिले हुए हैं,वह अपनी जेंब गरम करके कब निर्माण होना है इसका समय तय करते, जैसे रविवार,या फिर सरकारी छुट्टियों के दिन लैटर डाला जाता है,जब कभी अधिकारी निरीक्षण करते हैं तो निर्माण करने वालों को यही कर्मचारी पहले ही सूचना भेज देते हैं, जिसके बाद टीम के पहुंचने से पहले ही अवैध निर्माण करने वाले गायब हो जाते हैं। पिछले आठ माह में सीलिंग प्रभावित क्षेत्र में करीब 100 से ज्यादा भवन बनकर तैयार हुए हैं। जिनसे सम्बंधित विभाग के कर्मचारियों ने उनके द्वारा रखे गए प्राइवेट लोगों के माध्यम से मोटी कमाई की है।
आलम यह कि तहसील प्रशासन सिर्फ नोटिस देने तक सीमित रह गया है, जिसके बाद जिन भवनों को लेकर नोटिस जारी होते हैं वहां पर विल्डिंग खड़ी हो जाती है, विभाग यह भी पता नहीं कर पाता है कि आखिर सीलिंग की जमीन निर्माण करने वाला कौन था। जमीन बेचने वाला कौन है। प्रशासन की इसी कमी का भूमाफिया फायदा उठा रहे। मचे की बात यह कि अवैध रुप से बने रहे भवनों में बिजली भी जगमगा रही है, जबकि डीएम ने सीलिंग और नजूल की जमीन पर विधुत कनेक्शन देने पर सीधी रोक लगा रखी है।