रामपाल का पूल,नगर निगम को चार करोड़ का घाटा।ठेकेदारों के साथ कौन-कौन हुआ मालामाल!एक से दो प्रतिशत घाटे में पूल कर जारी कर दिए टेंडर।पूरे पांच वर्ष 20 से 30 घाटे में ठेकेदारों ने लिए थे टेंडर।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका) अपने कार्यकाल के अंतिम समय में मेयर रामपाल ठेकेदारों को मालामाल करने का इंतजाम कर गए हैं। इसमें ठेकेदारों के साथ ही किस किस का भला होगा यह बात गर्भ में छिपी जरुर है, लेकिन उनके नाम हर किसी की जुबान है।
आप सोच रहे होंगे की मेयर रामपाल का कार्यकाल तो खत्म हो गया है।हम उन्हें फिर भी दोषी क्यों ठहरा रहे हैं।उनपर निशाना क्यों साध रहे हैं।इसकी बजह से है।मेयर रामपाल सिंह ने अपने अंतिम समय में नगर निगम में निर्माण कार्यों के जिन लोगों के साथ मिलकर करीब 13 करोड़ के 120 के करीब टेंडर जारी हुए हैं।उनका सामने आ गया है। हमारे हाथ जो सूची लगी है। उसने मेयर के मंसूबे साफ कर दिए हैं। नगर निगम को सीधे 04 करोड़ का नुक़सान हुआ है।
निगम से 127 कामों की सूची हमारे हाथ लगी है, उनमें अधिकांश टेंडर 01 से 02 प्रतिशत घाटे में आंवटित किए गए हैं,कई टेंडरों का घाटा तो इससे भी कम है। जबकि निगम में पिछले पांच वर्ष में जितने भी टेंडर हुए सभी 20 से लेकर 30 प्रतिशत घाटे में ठेकेदारों के नाम छूटे थे, निगम ने घाटे में ठेकेदारों द्वारा लिए गए टेंडरों से बचें पैसे से अन्य जगह काम कराया था। यदि इस बार भी टेंडर 20 से 30 प्रतिशत घाटे में ठेकेदारों को आंवटित होते तो फिर सीधे चार करोड़ की बचत होती, जिससे शहर की तमाम सड़कों को गढ्ढा मुक्त कराया जा सकता था, लेकिन मेयर ने अपना अपने चहेते ठेकेदारों, कर्मचारियों का भला करने के लिए यह पूरा खेल कर डाला। जिन्हें पूरा करने कि मेयर अंतिम समय तक कोशिश करते रहे,मेयर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अपने चहेते ठेकेदारों और कर्मचारियों के मिलकर सभी टेंडरों को पूरा कराने में लगे हैं। लेकिन अब निगम की चाबी प्रशासक बने डीएम के हाथों में है।