सीएम धामी के सिस्टम पर शिव का सवाल! क्या जंगल राज की तरफ बढ़ रहा ऊधमसिंहनगर! बेखौफ हो चुके हैं अवैध करोबारी। कार्यवाही और शिकायत करने वालों पर भी कर दे रहे हमला
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त प्रदेश बनाने का मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सपना उधम सिंह नगर में फेल साबित होता नजर आ रहा है। इसके पीछे कौन दोषी और किसकी सह पर नशा का करोबार धड़ल्ले हो रहा है,यह बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन जो हो रहा उसने जिले को जंगल राज की तरफ मोड़ दिया है,यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सत्ताधारी पार्टी के विधायक को छापेमारी करनी पड़ रही है,यह भी हैरान और सिस्टम पर सवाल खड़े करने वाला है।
उदाहरण के लिए गत दिवस रुद्रपुर की आर्दश इंद्रा कालौनी की घटना को ही ले सकते हैं।आर्दश इंद्रा कालौनी में बेरोकटोक के कच्ची शराब, स्मैक व अन्य मादक पदार्थों का धंधा होता है, जिससे कई घर बर्वाद हो चुके हैं। नशा कारोबारियों पर कार्यवाही की मांग पिछले काफी समय से मोहल्ले के लोग उठा रहे, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात से ज्यादा नहीं है, पिछले दो दिनों ने इसी को लेकर महिलाओं ने आंदोलन का रुख पकड़ लिया है। महिलाएं धरने पर बैठी तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिलाओं से शराब माफियाओं के नाम पूछे । इधर बेखौफ शराब माफियाओं ने रात को एक महिला के घर धाबा बोलकर उसका गला दबाने की कोशिश कर डाली। महिला ने यह बात विधायक शिव अरोरा, एसपी सिटी मनोज कत्याल, कोतवाल विक्रम राठौर के समाने बताकर सभी को हैरान कर दिया, आखिर शराब माफिया इतने बेखौफ कैसे हो गए। फिर सवाल यह भी उठता है कि जिस पुलिस को शराब माफियाओं के घर पर कोई सबूत नहीं मिल रहे थे, विधायक की मौजूदगी में इतनी शराब कैसे मिल गई। सत्ताधारी पार्टी के विधायक को अपनी ही सरकार में छापेमारी क्यों करनी पड़ी, यह सवाल आज हर किसी के जुबान पर है। शहर के बंगाली कालौनी ही नहीं,घास मंडी, रम्पुरा, ट्रांजिट कैंप,खेड़ा, प्रीत बिहार जगतपुर समेत कई क्षेत्रों में धड़ल्ले से कच्ची शराब का धंधा चल रहा है। शहर में पिछले दो वर्ष दर्जनों लोगों की नशे ने जान लेली है। क्षेत्रों के लोग इसकी शिकायत भी पुलिस और आबकारी विभाग से करते रहे हैं, लेकिन कार्यवाही सिर्फ दिखावे तक ही सीमित रहती है।ऐसा क्यों होता है इसका जबाव इन सभी के पास है, लेकिन डर की बजह से कोई मुंह खोलना नहीं चलाता है। क्योंकि लोगों को पता है, अवैध धंधेबाज उनपर हमला कर देंगे।
यह हम आपको जिले में घटित हो रही घटनाओं की तरफ ले चलते हैं। जिले काशीपुर में पिछले दिनों अवैध खनन करने वालों ने एक तहसीलदार पर हमला कर दिया था, अवैध खनन रोकने गए खनन माफियाओं न तहसीलदार को घेर लिया था तो उसकी गाड़ी पर पथराव हुआ था, तहसीलदार ने बहुमुशि्कल अपनी जान बचाई थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने में एक सप्ताह का समय लगा दिया। बताया जा रहा खनन माफिया इसके कुछ दिन बाद ही वहां के पटवारी को हमला किया था।
ऐसे कितने मामले हैं,जो सिस्टम पर सवाल उठाते हैं। जिसकी बजह से अवैध धंधेबाज बेखौफ हो चुके हैं।