रुद्रपुर में राज्य आंदोलनकारियो को किया गया सम्मानित। राज्य आंदोलन की पुरानी यादें हुई ताजा। जिस लिए किया संघर्ष और दिया था बलिदान वैसा नहीं बन पाया राज्य।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। महानगर में राज्य आंदोलन की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यआंदोलन कारियो को किया गया सम्मानित। रुद्रपुर स्थित मद्रास कैफे रेस्टोरेंट में समाचार इंडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म , नई रहें एनजीओ और मद्रास कैफे के संचालन में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी का एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें आंदोलनकारी और साहित्य से जुड़े लोगों ने राज्य आंदोलन के समय की यादों को ताज किया और संघर्ष के दिनों की पीड़ाओं को याद किया। राज्य आंदोलनकारी कमलेंद्र सेमवाल ने कहा कि हम जिस राज्य की कल्पना करते थे वह हमें नहीं मिल पाया । इसलिए हमें अभी भी अपने आप को राज्य आंदोलनकारी कहने में शर्म आती है । वहीं हरीश पनेरु ने कहा कि जो उपेक्षाएं राज्य और राज्य आंदोलनकारियो की हो रही हैं उसके लिए राज्य की सरकारी जिम्मेदार है । राज्य आंदोलनकारी जहांगीर कुरैशी ने कहा कि हमने कभी भेदभाव से लड़ाई नहीं लड़ी और हम विपक्ष के नेताओं को भी सुनते थे और उनसे सीखते थे । आखिर वह कैसी काबिलियत रखते हैं जो उनका इतना बड़ा नाम है और आम जन मानस की समस्याओं को लेकर हमने आंदोलन को जन आंदोलन का रूप दिया। वहीं समाजसेवी एवं लेखक कस्तूरी लाल तागरा सबाहत हुसैन और असलम कोहरा ने भी अपनी चिंता व्यक्त की साहित्य और लेखन पर हो रहे प्रहार और बदलते समाज के स्वरूप के लिए चिंतन होना जरूरी है स्वतंत्र पत्रकार और लेखक शक्ति प्रसाद सकलानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य राज्य आंदोलन और राज्य आंदोलन कारियो के सम्मान की बात होना आज के समय में बहुत जरूरी है। विजय गुप्ता देश भक्ति गीत से लोगों देश प्रेम में विभोर कर दिया साथ ही विवेक बादल बाजपुरी ने देश भक्ति और उत्तराखंड के गीत से सभी का देश प्रेम जागृत कर किया। इस अवसर पर हरीश जोशी, कमल भंडारी ,कमल पांडे,अनिल चौहान, राजीव शुक्ला ,बलकार सिंह, आदि राज्य आंदोलनकारियों के साथ भारत भूषण चुघ,सुरेश गौरी संजय ठुकराल, रोहित गुंबर, मीना शर्मा, अनिल शर्मा, रेखा देउपा , दक्ष देउपा , स्वीटी तनेजा, ममता पंवार, प्रिया सिंह, विजय गुप्ता, प्रियंका देउपा, हरजीत सिंह, अनिता सिंह, बादल बाजपुरी सहित सैंकड़ों लोग मैजूद रहें।