एसटीएफ ने यूपी से दबोचा हत्याकांड का आरोपी।50 हजार का था ईनाम,पांच साल से था फरार।बाबा के भेष में बार बदल रहा था जगह
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। एसटीएफ ने पिछले पांच वर्षों से फरार चल रहे 50 हजार के ईनामी शातिर हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया। नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पदभार ग्रहण करते ही अधिनस्थों को शातिर ईनामी अपराधियों, गैंगस्टरो, नशा तस्करो पर प्रभावी एवं कड़ी कार्यवाही किये जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किये है। जिसके तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने मामले की जानकारी देते हुये बताया कि एक व्यक्ति की हत्या के प्रकरण में कुख्यात अपराधी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत पुत्र स्व. रामस्वरुप उर्फ रामा निवासी लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार की धरपकड़ हेतु एसटीएफ द्वारा प्रयास किये जा रहे थे। टीम द्वारा देर रात रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर उप्र में दबिश देकर पिछले 5 वर्षाे से वांछित कुख्यात ईनामी हत्यारे वीर सिंह को गिरफ्तार किया गया ।उन्होंने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त वीर सिंह सैनी उर्फ भगत द्वारा लेबर कालोनी रानीपुर हरिद्वार में 10-08-2018 को वादी की पुत्री के साथ छेड़छाड़ की घटना की गयी जिसका जिसका विरोध उसके भाई हेमन्त द्वारा किया गया तो 3 अभियुक्तो वीर सिंह, बलवीर एवं विरेन्द्र द्वारा हेमन्त के साथ मारपीट कर उसके सिर पर चोट मारकर हत्या कर दी गयी व एवं तीनो अपराधी मौके से फरार हो गये थे। जिसमे से हरिद्वार पुलिस द्वारा एक अभियुक्त वीरेन्द्र को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था परन्तु इस घटना में शामिल अन्य 2 अभियुक्त वीर सिंह व बलबीर सिंह तब से लगातार फरार चल रहे थे। इन दोनो अभियुक्तो की गिरफ्तारी पर पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। ये दोनो ईनामी हत्यारे एसटीएफ की रडार पर थे, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पिछले काफी समय से एसटीएफ लगातार प्रयास कर रही थी। जिसके फलस्वरुप कल देर रात को अभियुक्त वीर सिंह की गिरफ्तारी रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर से सम्भव हो सकी है। फरार दोनो अभियुक्त घटना से पहले थाना रानीपुर, हरिद्वार क्षेत्र में लेबर कालोनी में झोपड़ी लगाकर रहते थे जो खानाबदोश जीवन व्यतीत कर रहे थे जिनका कोई स्थाई पता नही था। गिरफ्तार होने पर अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि पुलिस से बचने के लिये उसने अपना भेष बदलकर उप्र के अलग अलग स्थानो में रह रहा था। उसने यह भी बताया कि घटना के बाद से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये बाबा का भेष बनाकर अलग-अलग मंदिरो मे रहता था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त खानाबदोश किस्म का व्यक्ति था। जिसका कोई स्थानी पता न होने के कारण गिरफ्तारी कर पाना बहुत कठिन हो रहा था । इसकी गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ द्वारा एक अलग से रणनीति तैयार की गयी जिसके तहत अभियुक्त के बारे में मैनुवली एवं सर्विलांस के माध्यम से सूचना एकत्रित की गयी। जिसके कारण ही अभियुक्त की गिरफ्तारी सम्भव हो पायी है। पकड़े गये अभियुक्त से अन्य फरार अभियुक्त बलबीर के बारे में काफी जानकारियां एसटीएफ को प्राप्त हुयी है जिससे आने वाले दिनो में उसकी भी गिरफ्तारी की सम्भावना है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के कुशल निर्देशन में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा अब तक 50 से अधिक खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है । गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक अबुल कलाम, एसटीएफ, उनि. विद्या दत्त जोशी, हे.का. बृजेन्द्र चौहान, महेन्द्र सिंह, का. मोहन असवाल शामिल थे।