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भारामल मंदिर से जुड़े सेवादार की संदिग्धावस्था मौत।बीस दिन पूर्व बाबा हरिगिरी महाराज व उनके सेवादार की हुई थी हत्या,चश्मदीद नन्हे भी था घायल। 20 दिन पहले बाबा और सेवादार की हत्याकांड का पर्दाफाश नहीं कर पाई है पुलिस

नरेन्द्र राठौर 
 रुद्रपुर (खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के खटीमा में बाबा भारामल मंदिर के मुख्य पुजारी व उनके सेवादार की हत्या का चश्मदीद नन्हे(43)की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पुलिस ने शव को निर्वाण कुटिया के पास खकरा नाले से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानकारी के अनुसार नन्हे दिन में बाबा भारामल मंदिर में रहता था तो शाम को वह निर्वाण कुटिया चला आता था। गुरूवार को नन्हे निर्वाण कुटिया में था। रात्रि लगभग 10 बजे वह कुटिया के पास खकरा नाले की ओर गया। लेकिन वापस नही लौटा कुछ देर बाद कुटिया में तैनात पीआरडी के जवान उसे तलाश करते नाले की ओर गये तो उसे नाले में पड़ा देखा और घटना की जानकारी पुलिस व आपातकालीन सेवा 108 को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस व एंबुलेंस 108 ने नन्हे को नाले से बाहर निकालकर उप जिला चिकित्सालय पहुचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को चश्मदीद नन्हे की मौत की सूचना मिलते ही एसपी क्राइम चन्द्रशेखर घोड़के, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल, सीओ वीर सिंह, एसडीएम रविन्द्र सिंह बिष्ट ने मौका मुआयना कर लोगों से पूछताछ की। शुक्रवार को डॉ. केसी पंत व डॉ. सिमरनजीत सिंह ने पैनल में शव का पोस्टमार्टम किया। चिकित्सकों के अनुमान है कि मृतक के फेफड़े में पानी भरा हुआ था जो मौत का कारण बना। पोस्टमार्टम के बाद स्थानीय लोगों ने शव का पोस्टमार्टम करा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया।
विदित हो कि बीते 5 जनवरी को सुरई रेंज के बीहड़ जंगल के बीच स्थित बाबा भारामल मंदिर में अज्ञात तीन नाकवपोश बदमाशों ने मंदिर के मुख्य पुजारी हरिगिरी महाराज व उनके सेवादार रूप सिंह बिष्ट की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं एक अन्य सेवादार नन्हे को भी मारपीट कर घायल कर दिया। वहीं एक अन्य सेवादार जगदीश मारपीट के दौरान मौका पाकर भागने मे कामयाब रहा। उक्त घटना के बाद घायल चश्मदीद नन्हे का उप जिला चिकित्सालय में पुलिस सुरक्षा के बीच इलाज जारी रहा। घटना के बाद पुलिस, एसओजी, डॉग स्कॉट, फॉरेसिंक टीम व वन विभाग की टीम जांच में जुटी रही। पुलिस ने नौ टीमें गठित कर वन विभाग की मदद से जंगल में गहन चेंकिग अभियान चलाया। वही टीम सुरई वन रेंज के साथ जंगल में लगाये गये टै्रप कैमरे की मदद से यूपी के कई हिस्सों में जांच पड़ताल करती रही। घटना के बीस दिन के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नही लगा।

बाबा हरिगिरी महाराज कर हत्या से परदा नही उठा पाई पुलिस, चश्मदीद की भी संदिग्ध हालत मे मौत

खटीमा। बाबा हरिगिरी महाराज व उनके सेवादार रूप सिंह बिष्ट की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या करने के मामले में पुलिस के लगातार प्रयास करने के बाद हाथ खाली है। हत्याकाण्ड के एकमात्र चश्मदीद नन्हे से जिले के लगभग सभी पुलिस अधिकारी घटना को लेकर पूछताछ कर चुके है। घटना के बीस दिन बाद गुरूवार को डीआईजी कुमांऊ परिक्षेत्र डॉ. योगेश सिंह रावत व पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने भारामल मंदिर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण जांच टीम के साथ समीक्षा की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने कहा कि जांच टीम को मैनुअल व टैक्नीकल के आधार पर कुछ सुराग मिले है। जल्द ही हत्याकाण्ड का खुलासा किया जायेगा। उसी रात चश्मदीद नन्हे की संदिग्ध हालत मौत पर घटना को और पेंचिदा बना दिया है।
फोटो सहित-मृतक नन्हे(फाइल फोटो)
-घटना स्थल का मुआयना करते एसपी क्राइम चन्द्रशेखर घोड़के, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल
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