भीड़ की खुशी,जुवान की कालिख!कांग्रेस पार्षद मोहन खेड़ा के बिगड़े बोल,खड़ा कर दिया बखेड़ा!बन गए खलनायक। भविष्य में कांग्रेस कार्यक्रमों का बहिष्कार कर सकती है मीडिया
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। शहर के सिटी क्लब में गुरुवार को हुआ कांग्रेस का जिला स्तरीय सम्मेलन महज एक नेता की बजह विवादों में घिर गया। पत्रकारों ने बहिष्कार कर दिया,तो पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रेस वार्ता भी नहीं कर पाए। यानी लंबे समय कांग्रेस में उत्साह लेकर सम्मेलन में महज एक नेता खलनायक बन गया यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
दरासल गुरुवार को कांग्रेस का जिला स्तरीय सम्मेलन सिटी क्लब में आयोजित हुआ।दोपहर 12 बजे तक बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेशाध्यक्ष करन माहरा, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी समेत तमाम नेता पहुंच चुके थे, मीडिया बड़े नेताओं के स्वागत कार्यक्रम का क्रेज कर रहा था,इधर स्वागत कार्यक्रम के बाद जब कांग्रेस महानगर अध्यक्ष हिमांशु गाबा ने मीडिया से बाहर जाने और 04 बजे प्रेस वार्ता में आने का आह्वान किया। जिसके बाद पत्रकारों बाहर आ गए। उन्होंने महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के सामने नाराजगी भी जताई। मीडिया कर्मी सम्मेलन स्थल के कबरेज कर रहे थे,इसी दौरान कांग्रेस के पाषर्द और उसके साथियों ने मीडिया कर्मियों का विरोध शुरू कर दिया हद तो तब हो गई जब वह मीडिया के खिलाफ नारेबाजी करने लगे,एक बार तो ऐसा लगा, जैसे वह साथियों के साथ मीडिया पर हमला बोलने की तैयारी कर रहे हैं।
यह मामला बाद में तूल पकडा गया। मीडियाकर्मियों ने सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। बाद में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करन माहरा के प्रेस वार्ता में भी पत्रकार नहीं पहुंचे। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष ने पार्षद द्वारा मीडियाकर्मियों के समाने की गई नारेबाजी पर खेद जताया, लेकिन पत्रकार नहीं।जिसपर उन्हें विना प्रेसवार्ता के ही जाना पड़ा।
इधर हम आपको बता दें कि भूरारानी निवासी कांग्रेस पार्षद मोहन खेडा अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है। पिछले दिनों उन्होंने पुतला दहन कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगा दिए थे,तो हमेशा उनपर भाजपा को अन्दर खाने सर्पोट करने के आरोप लगते रहे। राजनीति का लिबास पहनकर खेड़ा ने भूरारानी क्षेत्र कई अवैध कालोनियों भी विकसित की है, जिसमें सरकार को बड़ा राजस्व का चूना लगाया है, बताया जाता की उनके खिलाफ आधा दर्जन मुकदमे भी दर्ज है, विधानसभा चुनावों से पहले उसके खिलाफ पुलिस ने गुंडा एक्ट की फाइल डीएम कार्यालय भेजी थी, लेकिन अपनी पहुंच की बजह खेड़ा पर गुंडा एक्ट की अनुमति नहीं मिल पाई। दो बर्ष पहले उसके खिलाफ अवैध रुप से शहर में वाहनों से वसूली का भी केस दर्ज हुआ था।
अब ऐसा सफेदपोश गुंडागर्दी नहीं करेगा तो क्या करेगा। बाहरहाल एक व्यक्ति की बजह से कांग्रेस का जिला स्तरीय सम्मेलन बखेड़ा बनकर रह गया।
इसका असर आने वाले समय में भी दिखेगा। मीडिया एक व्यक्ति की बजह से पूरी कांग्रेस का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहा है, यदि ऐसा हुआ तो मुश्किल खड़ी होनी तय है।