तो फिर अगले वर्ष ही होंगे निकाय चुनाव!उत्तराखंड सरकार की मंशा से हर कोई असमंजस में। आरक्षण लिस्ट की तारीख आगे बढ़ाने से बनी सम्भावनाएं
नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। उत्तराखंड में निकाय चुनाव कब होंगे इसको लेकर सरकार की मंशा से हर कोई असमंजस में है।जिस तरह से सरकार तारीख पर तारीख दे रहे हैं, उससे इस वर्ष चुनाव हो पायेगा इसकी उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है, इसके की कारण है। यही वजह है कि विपक्ष तो विपक्ष , सत्ता पक्ष में भी कहीं भी यह महसूस नहीं हो रहा कि चुनाव होने वाला है।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव का कार्यकाल खत्म हुए एक वर्ष बीत चुका है। प्रदेश में हर निकाय के दावेदार चुनाव शीघ्र कराने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार कोई न कोई बहाना बनाकर इसे आगे बढ़ाती रही। अक्टूबर में कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार नंबर में इसकी घोषणा कर देगी, सरकार चुनाव दिसंबर में कराने की बात भी कर रही है, लेकिन अभी तक आरक्षण की घोषणा भी नहीं हुई है। सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर आरक्षण के लिए 15 दिन का और समय मांगा है, यानी की सरकार आरक्षण की घोषणा 25 नबंर के आस-पास कर सकती है, इसका मतलब है कि आरक्षण की घोषणा के बाद दो सप्ताह का समय अप्तिया सुनने के लिए दिया जाएगा यानी चुनाव की घोषणा दस दिसंबर तक हो सकती है,इधर जानकारों की मानें तो सरकार कोर्ट के डंडे पर चुनाव कराने का दिखावा कर रही।दस दिसंबर को यदि चुनाव की घोषणा हुई तो फिर मतदान जनवरी के पहले सप्ताह में होगा,और उस समय भीषण ठंड आ जायेगी, पहाड़ पर बर्फबारी हो रही होगी, ऐसे में सरकार कोर्ट के समाने मौसम का बाहना दिखाकर चुनाव फरवरी मार्च में कराने का हलफनामा पेश करेंगे,जिसे कोर्ट परिस्थितियों का आकलन कर मान लेगी, यानी इस वर्ष चुनाव होने की उम्मीद बहुत कम है।