16 करोड़ की देनदारी,फिर भी 14 करोड के टेंडर निकालने की तैयारी!रुद्रपुर निगम को मेयर ने बना दिया सबसे बड़ा कर्जदार।अगला मेयर भी नहीं उतार पायेगा कर्ज।कमीशनखोरी में चहेते को फायदा पहुंचाने का चल रहा खेल
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। रुद्रपुर नगर निगम को मेयर रामपाल ने बड़ा कर्जदार बना दिया है। पूर्व में हुए कामों का 16 करोड़ से ज्यादा का अदायगी निगम पर ड्यू है।तो मेयर फिर नए टेंडर निकालकर निगम को 14 करोड से ज्यादा का कर्जदार बनाने की तैयारी कर रहे। मेयर यह खेल अपने चहेते ठेकेदारों और पार्षदों को फायदा पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।तो निकाय चुनाव से पहले कमीशन का खेल कर चुनाव के लिए धन एकत्र करने का जुगाड के रुप में भी देखा जा है,यह हालत तब है,जब पूर्व में डीएम कर्ज़ की अदायगी से पहले नए टेंडर खोलने पर रोक लगा चुके हैं।
नगर निगम रुद्रपुर से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्तमान में निगम पर करीब 16.50 करोड रुपए की ठेकेदारों की देनदारी है। जिन ठेकेदारों ने काम कर दिए हैं। उन्होंने निगम के पास पैसा न होने के बजह से भुगतान नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में हुए कई काम कागजों पर ही पूरे कर लिए गए हैं। इधर इतना बड़ा बकाया होने के बाद भी मेयर और निगम के कर्मचारी मिलकर 14 करोड से ज्यादा के टेंडर निकाले की तैयारी कर रहे, जिनमें अधिकांश काम वोर्ड की बैठक में भी पास नहीं कराए गए हैं। जिसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है,आने वाले एक सप्ताह के भीतर टेंडर निकाला दिए जायेंगे। मेयर के इस खेल में शोर न मचे इसके लिए सभी ठेकेदारों और पाषर्दों को भी मैनेज करने का प्रबंध किया गया है। बताया जा रहा की टेंडरों को पूल कराकर सभी ठेकेदारों को काम दिया जायेगा। बडी देनदारी के बाद भी मेयर यह खेल क्यों खेल रहे इसके पीछे बजह बताई जा रही।एक तो मेयर अपने चहेते लोगों को खुश कर देंगे,दूसरा टेंडर के बाद चल रहे कमीशन के खेल चुनाव लडने के लिए धन का प्रबंध भी हो जायेगा। सूत्रों की मानें तो नगर निगम में इस बार टेंडर आठ से दस प्रतिशत ब्लों पर छूटने वाले हैं। और जिस जिस ठेकेदारों को काम मिलेगा,वह वर्क आर्डर देने से पहले ही कमीशन का पैसा जमा करायगें। यानी 14 करोड में एक करोड़ से ज्यादा की कमीशन पहले ही जमा होकर किसकी जेंब में जायेगी यह सभी जानते हैं।
फिलहाल मेयर जो खेल खेल रहे उससे नगर निगम पर करीब 30 कारोड रुपया की देनदारी खड़ी हो जायेगी,जो आने वाले समय में चुने जाने वाले मेयर के लिए मुसीबत का सबब बनेगी। बताया जाता की पूर्व में डीएम ने सभी विभागों को पूर्व की देनदारी चुकाता किए बगैर ने टेंडर निकालने पर रोक लगा दी थी, इसके बाद मेयर मनमानी पर उतरे हुए हैं।