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डाक्टर व वन विभाग का संविदा कर्मी समेत तीन गिरफ्तार।सोने के घड़े निकालने का झांसा देकर लाखों की लूट का मामला।पुलिस का दावा आरोपी गिरोह बनाकर करते हैं ठगी 

डाक्टर व वन विभाग का संविदा कर्मी समेत तीन गिरफ्तार

सोने के घड़े निकालने का झांसा देकर लाखों की लूट का मामला

पुलिस का दावा आरोपी गिरोह बनाकर करते हैं ठगी

रुद्रपुर(खबर धमाका)। जनपद पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, नकली सोने का घड़ा दिखाकर करोड़ों की लूट करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में एक बीएएमएस डॉक्टर और वन विभाग का एक संविदाकर्मी भी शामिल है, जो घटना के दौरान नकली पुलिसकर्मी बनकर लूट को अंजाम देता था। एसएसपी ने बताया कि 19 जून, 2025 को अमित रस्तोगी पुत्र स्व. अनिल कुमार रस्तोगी, निवासी कोठीवाल नगर, मुरादाबाद यूपी ने कोतवाली मुरादाबाद में एक तहरीर दी। वहां की पुलिस ने तहरीर ऊधमसिंहनगर स्थानांतरित कर दिया। पीड़ित के मुताबिक उसकी मुरादाबाद की सुपर मार्केट में कंप्यूटर हार्डवेयर की किराये की दुकान है और कोठीवाल नगर स्थित उनके मकान में विगत तीन वर्षों से रमेश चन्द्र सिंह उर्फ मुन्ना सरदार का परिवार किराये पर रहता था।मुन्ना सरदार और उसके साथियों ने अमित रस्तोगी को बताया कि ऊधमसिंहनगर के नानकमत्ता के पास एक स्थान पर लगभग 7 घड़े सोना निकला है। यह सोना उन्होंने सुनार से चेक करवाया है और वह शुद्ध है। उन्होंने रस्तोगी को इस सोने में निवेश करने पर भारी मुनाफे का लालच दिया। सोने के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। मुन्ना सरदार पीड़ित का किरायेदार था और उसका गुरुनानक ज्वैलर्स नाम से मुरादाबाद में एक दुकान भी थी। पीड़ित ने उस पर विश्वास कर लिया और पैसों का इंतजाम कर लिया।फरवरी माह में पीड़ित और उसके साथी नानकमत्ता पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात एक सरदार जी से हुई, जिसने अपना नाम राजू सरदार बताया। राजू सरदार उन्हें अपने घर कैथुलिया गांव ले गया और कहा कि वह अभी सोने का घड़ा लेकर आता है। उसी समय, अंधेरा हो गया और अचानक कुछ लोग, जिनमें से दो लोग पुलिस की वर्दी पहने हुए थे, उस घर के आंगन में घुस आए। उन्होंने पीड़ित के हाथ से पैसों से भरा बैग छीनने की कोशिश की। पीड़ित ने विरोध किया, तो उन्होंने जान से मारने और वहीं दफना देने की धमकी दी। पीड़ित और उसके साथी काफी डर गए और वे लोग पैसे लूटकर भाग गए। लगभग 2 महीने बाद पीड़ित ने सोशल मीडिया के माध्यम से देखा कि ऊधमसिंहनगर के सितारगंज क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना हुई है और पुलिस ने कई अभियुक्तों को पकड़ा भी है। शिकायतकर्ता को पैसे वापस भी मिले हैं। पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला किया। एसएसपी ने बताया कि खुलासा के लिए पुलिस टीम का गठन किया। पुलिस ने पीड़ित से गहन पूछताछ की और थाना सितारगंज में हुई घटना के अभियुक्तों का सत्यापन किया। उनसे भी पूछताछ की गई। साथ ही आस-पास के थाना क्षेत्रों में इस तरह की घटना करने वाले अभियुक्तों की सूची तैयार कर उनका सत्यापन और पूछताछ की कार्रवाई शुरू की गई। उन्होंने बताया कि घटना में शामिल तीन अभियुक्त बिडौरा मझौला क्षेत्र में राजू रस्तोगी नामक सुनार के घर के पास कोई नई योजना बनाने के लिए आए हैं, जो नकली सोने को असली बताकर ठगी में सहायता करता है। इस सूचना पर टीम ने कार्रवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को घेराबंदी कर दबोच लिया। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों से कड़ी पूछताछ की गई। उक्त अभियुक्तों ने अपने पूरे गिरोह के कार्यप्रणाली का खुलासा किया। पुलिस ने तीनों के कब्जे से करीब 35 हजार की नगदी समेत अन्य सामान बरामद किया।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान

हरजिंदर उर्फ राजू पुत्र कुलवंत सिंह, निवासी कैथुलिया, थाना नानकमत्ता से पूछताछ पर अभियुक्त हरजिंदर ने बताया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते हैं, जिसमें लगभग 10-12 सदस्य हैं। कुछ महीने पहले उनकी गैंग के कुछ सदस्यों ने थाना सितारगंज क्षेत्र में भी 70 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया था। वह यह ठगी की कला राजस्थान के कोटा क्षेत्र से सीखी है। इसके बाद उस सोने को अपने साथी सुनार राजू रस्तोगी से चेक करवाते हैं, जो उसे ‘सही’ बताता है। गैंग के कुछ लोग पुलिस या वन विभाग की वर्दी पहनकर मौजूद रहते हैं।

 

दूसरा अभियुक्त सर्वेश अग्रवाल पुत्र स्व. कैलाश चंद्र अग्रवाल, निवासी बुद्ध बाजार, कोतवाली मुरादाबाद यूपी ने पूछताछ में बताया कि वह मूल रूप से मुरादाबाद का ही रहने वाला है। उसने ही पैसों के लालच में पीड़ित पक्ष को हरजिंदर उर्फ राजू से मिलवाया था। चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वेश अग्रवाल पेशे से बीएएमएस डॉक्टर है और उसका मुरादाबाद में क्लीनिक भी है।

 

तीसरा अभियुक्त करनैल सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी हरैया, थाना नानकमत्ता ने पूछताछ पर बताया कि वह वन विभाग में संविदा कर्मी है। उसके पास वन विभाग की वर्दी है, जो अंधेरे में पुलिस की वर्दी जैसी लगती है। जिसे पहनकर वे लोग पार्टी से पैसे लूटने गए थे। एसएसपी ने बताया कि अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया गैंग के अन्य सदस्यों के नाम भी बताए हैं। जिनकी शीघ्र गिरफ्तारी की कार्यवाही की जाएगी।

पुलिस टीम में एसआई राजेंद्र पंत,एसआई कीर्ति भट्ट,एसआई संजय कुमार,एसआई मनोज जोशी, एएसआई कृपाल सिंह,हेड कांस्टेबल नवनीत कुमार,नवीन जोशी, शुभम सैनी,धनराज आदि शामिल रहे।

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