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उधमसिंह नगर

मतदान का प्रतिशत बिगाड़ेगा कांग्रेस व भाजपा के समीकरण! ज्यादा मतदान हुआ तो अजय और कम मतदाता में प्रकाश की बढ़ेगी उम्मीद 

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर(खबर धमाका)। नैनीताल ऊधमसिंहनगर संसदीय पर मतदान का समय अब महज कुछ घंटे बचा, जिसके बाद आप और हम सब मतदान के इस महापर्व में अपने सबसे बड़े और जरूरी अधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें किसकी जीत होगी और किसकी हार होगी,यह चार जून को ही पूरी तरह साफ होगा, लेकिन इसका आंकलन लोग चुनाव बाद करने लगेंगे। यानी कम मतदान में कांग्रेस तो ज्यादा मतदान में भाजपा की उम्मीद बढ़ेगी।

2019 लोकसभा चुनाव में ऊधमसिंहनगर में कुल 1190062 मतदाताओं में से 810593 लोगों ने मतदान किया था, प्रतिशत के लिहाज से 69.90 था। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़कर 71.89 प्रतिशत हो गया था,2019 के मुकाबले इस बार जनपद की सभी विधानसभा में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 1337607 हो गई है, यानी मतदाताओं की संख्या लगभग दो लाख बढ़ गई है।

इधर जानकारों की मानें तो इस बार मत प्रतिशत गिर सकता है‌। इसके पीछे दो बजह है,एक तो इस समय गेंहू की कटाई का सीजन चल रहा दूसरा शादी विवाह का मुहूर्त भी काफी बड़ा है, ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर, काशीपुर, किच्छा, सितारगंज समेत सभी विधानसभाओं मे बड़ी मात्रा यूपी के लोग रहते हैं,उनके घर मकान तो यह है, लेकिन कृषि के जमीन और मकान यूपी है, ऐसे में बड़ी मात्रा में लोग अपने घर गए हुए हैं। उन्हें पोलिंग बूथों लाना ढेडी खीर साबित होगा। कहा यह भी जा रहा कि काफी मतदाता मतदान न करके अपनी नाराज़गी जताई सकते हैं, इसके पीछे बजह यह कि किसी भी पार्टी का प्रत्याशी उसके घर नहीं पहुंचा है। चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार खमौसी छाई हुई थी,उसका असर भी मतदान में नजर आयेंगे।

अब मतदान कितने प्रतिशत होगा,यह कल शाम तक साफ हो जायेगा। लेकिन मतदान के प्रतिशत में भाजपा और कांग्रेस की बड़ी लड़ाई छिपी हुई है। मीडिया के जानकारों की मानें तो 2019 की तरह इस बार भी मतदान हुआ तो फिर अजय की अजय बरकरार रहेगी,जीत का अंतर कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन उनकी जीत तय है, अगर मत प्रतिशत 60 प्रतिशत के करीब रहा तो फिर मामला अटक जायेगा। क्योंकि 60 प्रतिशत का मतलब की 12 लाख के करीब मतदान,इन 12 लाख में एक लाख वोट में, बसपा व अन्य पार्टियों में विभाजित हो जायेगा ‌ फिर 11 लाख में जो 5.5 लाख की सीमा पार करेगा,जीत उसी की होगी,यह यह भी समझने वाली बात है कि संसदीय सीट पर करीब 3.70 लाख मुस्लिम और 1.70 लाख सिख मतदाता हैं,सिख मतदाता इस समय भाजपा से नाराज़ हैं,यह बात किसी से छिपी नहीं है, दोनों का मत मिला दिया जाए तो फिर यह पांच लाख के करीब पहुंच जायेंगे, फिर ऊधमसिंहनगर की पांच सीटों पर इस कांग्रेस काबिज है, यदि उन सीटों पर कांग्रेस विधायकों का जलवा कायम रहा तो फिर कुछ भी हो सकता है।

बारहाल यह तो आकांडो की बाजीगरी है, लेकिन यह भी सही है कि मतदान प्रतिशत ही जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तय

करेगा।

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