अध्यक्ष बनने से पहले धर्म का अर्धम आया समाने! वीडियो हुई वायरल। पुलिस के नाम पर गरीब विकलांग दंपति के पैसे हड़पने का आरोप भाजपा नेता ने आरोपों को नकारा,बोला मेरे साथ हुई साजिश
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। महानगर में मंगलवार को एक और वीडियो वायरल हो हुई है, वीडियो में रम्पुरा क्षेत्र की एक विकलांग महिला और उसका पति भाजपा नेता और दक्षिणी मंडल से अध्यक्ष पद के दावेदारी में सबसे आगे धर्म सिंह कोली पर बड़ा आरोप लगा रहे हैं, दंपति का साफ कहना है भाजपा नेता उसके बेटे की मौत पर मिला हर्जाना हड़प लिया है। हालांकि भाजपा नेता लगे आरोपों को अपने खिलाफ साजिश बताया है। इधर वीडियो समाने के बाद धर्म सिंह कोली की अध्यक्ष पद की दावेदारी में खटाई में पड़ गयी है।
वीडियो में वार्ड नंबर 22 रम्पुरा निवासी धर्मपाल का कह रहा की बेहद गरीब परिवार का है और वह टुकटुक चालक है। उसके परिवार में उसका बेटा राजेश और विकलांग पत्नी राजवती है। धर्मपाल का बेटा वाहन चालक था और कुछ समय पूर्व वह एक ट्रांसपोर्ट कंपनी का पिकअप वाहन लेकर बिहार गया था ।जहां रांची के समीप एक वाहन से उसकी भिड़ंत हो गई। जहां राजेश की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर ट्रांसपोर्ट स्वामी ने कोई भी कानूनी कार्रवाई ना करने का दबाव बनाया तो मृतक का परिवार इस पर राजी हो गया। जिस पर ट्रांसपोट स्वामी ने मृतक राजेश के परिजनों को ढाई लाख रुपए देने का आश्वासन दिया। जिसके लिए बकायदा एक राजीनामा भी तैयार किया गया। इस राजीनामा में रम्पुरा का कद्दावर भाजपा नेता व खुद को सीएम का करीबी बताने वाला पार्षद पति धर्म सिंह कोली शामिल हुआ। मृतक के परिजनों का आरोप है कि राजीनामा के आधार पर ट्रांसपोर्ट कंपनी के स्वामी ने उसे पहले बीस हजार रुपये दिए जो भाजपा नेता धर्मसिंह कोली ने अपने पास रख लिए ।थोड़े समय बाद उसे साठ हजार रुपये दिए गए ।जिसमें से भाजपा नेता ने फिर पचास हजार रुपये अपने पास रख लिए और मात्र दस हजार रुपये पीड़ित परिजनों को थमा दिए। परिजनों का आरोप है ढाई लाख की धनराशि में मात्र तीस हजार रुपये प्राप्त हुए हैं । उन्होंने कहा भाजपा नेता धर्मसिंह ने इस राजीनामे के चक्कर में उनको मिलने वाली सारी धनराशि हड़प ली अब वह इधर उधर भटकने को मजबूर हैं ।इस इस घटना को भाजपा नेता भले ही फर्जी बताया हो, लेकिन क्षेत्र के लोग इसे हकीकत मान रहे हैं, लोगों की मानें तो भाजपा नेता क्षेत्र के कई लोगों को सता चुका है। सत्ताधारी पार्टी का नेता होने के नाते उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, उसके खिलाफ की और मामले समाने आ सकते हैं।