ऊधमसिंहनगर में फर्जी डिग्री बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश,दो गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार। पांच विश्वविद्यालय की मुहर, ब्लैंक डिग्री,व अन्य दस्तावेज बरामद।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के जिला मुख्यालय पर स्थित पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने वाले गैंग का खुलासा किया है। मामले का मास्टरमाइंड समेत चार लोग अभी फरार है, एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने खुलासा करने वाली टीम को दस हजार का ईनाम देने की घोषणा की है।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी के मुताबिक गुरुवार को मेट्रोपोलिस कॉलोनी में एक फ्लैट से पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने के आरोप में जिन दो लोगों को हिरासत में लिया था शुक्रवार को उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए। रुद्रपुर में करीब एक साल से चल रहे इस धंधे को एक गिरोह संचालित कर रहा है। इसमें एक एक विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। गिरोह का सरगना फरार है।
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने पत्रकारों को बताया कि मेट्रोपोलिस के टावर एच-9 के फ्लैट नंबर दो में पिछले साल अक्तूबर से फर्जी डिग्री-डिप्लोमा, अंकतालिका व सर्टिफिकेट बनाने का धंधा चल रहा था। गिरोह का सरगना रुद्रपुर आवास विकास निवासी नवदीप भाटिया है जो कीरत ट्रेडिंग कंपनी नाम की कंप्यूटर की दुकान चलाता है।
उसने फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने के लिए दो गौरव चंद निवासी चूनाभट्टा थाना बनबसा (चंपावत) और अजय कुमार निवासी राजीव नगर, डोईवाला (देहरादून) को नौकरी पर रखा था। बृहस्पतिवार रात दोनों को गिरफ्तार किया था। नवदीप ने दोनों के लिए मेट्रोपोलिस के एक फ्लैट में ठहरने व खाने की व्यवस्था कर रखी थी। वहीं पर दोनों युवक फर्जी डिग्री-डिप्लोमा, अंकतालिका व सर्टिफिकेट बनाते थे।
एसएसपी ने बताया कि जब विदेश जाने का मामला होता था तो मोटी रकम के लालच में आरोपी विलियम कैरे यूनिवर्सिटी के दस्तावेज के सत्यापन की जिम्मेदारी भी ली जाती थी। इस मामले में विलियम कैरे यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी गौरव अग्रवाल और जितेंद्र उर्फ सुखपाल शर्मा का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 474 व 120बी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। नवदीप की तलाश के लिए पुलिस टीम ने उसके घर में दबिश दी लेकिन वह फरार हो गया। एसएसपी ने खुलासे में शामिल पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।
बरामद सामान
-पांच विश्वविद्यालयों की 17 मुहरें
– पांच हजार ब्लैंक मार्कशीट पेपर
-164 तैयार मार्कशीट
-एक हजार ब्लैंक डिग्री पेपर
-10 तैयार डिग्री
– एक हजार ब्लैंक माइग्रेशन सर्टिफिकेट
– तीन तैयार माइग्रेशन सर्टिफिकेट
– तीन लैपटॉप, तीन प्रिंटर और चार मोबाइल
इनकी फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट मिले
-विलियम कैरे यूनिवर्सिटी शिलांग
– सनराइज यूनिवर्सिटी अलवर (राजस्थान)
-वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची (झारखंड)
-साईनाथ यूनिवर्सिटी रांची (झारखंड)
– वीबीएस पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर (यूपी)
डिग्री के सत्यापन की जिम्मेदारी
रुद्रपुर। निजी संस्थानों, फैक्टरी और कंपनियों में युवाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर फर्जी डिग्री और डिप्लोमा बनाए जाते थे। ऐसे डिग्री-डिप्लोमा के लिए आरोपी युवाओं से 15 से 20 हजार प्रति डिग्री डिप्लोमा के हिसाब से लेते थे। जालसाज इन डिग्री और डिप्लोमा को सरकारी काम में लगाने के लिए युवाओं से पहले ही मना कर देते थे। यदि कोई युवा विदेश जाकर नौकरी करने की बात करता था तो आरोपी मोटी रकम लेने के बाद विलियम कैरे यूनिवर्सिटी के दस्तावेज के सत्यापन की जिम्मेदारी भी लेते थे।
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि युवाओं को डिग्री और डिप्लोमा देने के बाद ये लोग विलियम कैरे यूनिवर्सिटी के दोनों कर्मचारियों को बता देते थे और जब डिग्री के सत्यापन की जांच होती थी तो वह कर्मचारी उसे सत्यापित कर देते थे। इस दौरान रकम का मोटा हिस्सा यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के पास भी जाता था। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी का कहना है कि इन पांचों विश्वविद्यालयों को पत्राचार कर इस मामले से अवगत कराया जाएगा।
डिग्री-डिप्लोमा में थ्रीडी होलोग्राम और बारकोड
रुद्रपुर। फर्जी डिग्री-डिप्लोमा, मार्कशीट और सर्टिफिकेट थ्रीडी होलोग्राम, बारकोड व क्यूआर कोड से लैस होते थे। विदेश जाने वाले युवाओं के लिए यह बारकोड स्कैन होता था और छात्र का नाम भी दिखाता था। इन डिग्री-डिप्लोमा को उच्च क्वालिटी प्रिंटर से बनाया जाता था। संवाद
सिडकुल में भी भर्ती हैं फर्जी डिग्री-डिप्लोमा वाले कर्मचारी
रुद्रपुर। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी का कहना है कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सिडकुल की फैक्टरी में कई युवा उनकी डिग्री-डिप्लोमा की बदौलत ही नौकरी कर रहे हैैं। इससे पता चल रहा है कि सिडकुल की बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों का सत्यापन नहीं कराती हैं।
नवदीप को पकड़ने के लिए यूपी पहुंची पुलिस टीम
रुद्रपुर। फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने वाला मुख्य सरगना नवदीप भाटिया उर्फ पवन फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं। एक टीम लोकल स्तर पर उसकी जांच पड़ताल कर रही है। दूसरी सर्विलांस से उसकी लोकेशन खंगाल कर रही है जबकि तीसरी टीम नवदीप को गिरफ्तार करने के लिए यूपी के लिए रवाना हो गई है।
नवदीप की संपत्ति पर पुलिस की नजर
रुद्रपुर। पुलिस का कहना है कि नवदीप के पास दो कार, दो दुकानें और एक फ्लैट है। एसपी सिटी का कहना है कि यदि जल्द ही नवदीप की गिरफ्तारी नहीं होती है तो उसकी संपत्ति की जांच की जाएगी। इसके अलावा उसकी संपत्ति को कुर्क भी जाएगा।
करीब एक हजार से अधिक युवाओं का भविष्य दांव पर
रुद्रपुर। पूछताछ के दौरान आरोपी गौरव और अजय ने बताया कि नवदीप का यह धंधा एक साल के पहले से चल रहा है। पुलिस का कहना है कि ये लोग अब तक एक हजार से अधिक युवाओं को फर्जी डिग्री-डिप्लोमा दे चुके हैं और उनका भविष्य दांव पर लगा है।
कहीं आईलेट्स संस्थानों से तो नहीं है जालसाजों का कांट्रैक्ट
रुद्रपुर। शहर में विदेश भेजने के नाम पर बहुत सारे आईलेट्स के कोचिंग संस्थान खुले हैं। साथ ही कुछ संस्थान विदेश भेजने के नाम पर वीजा भी उपलब्ध कराते हैं। आईलेट्स पास करना क्षेत्र के कई सारे युवाओं का सपना है जबकि बहुत से युुवा डिग्री के अभाव में इसे पास नहीं कर पाते हैं। पुलिस को आशंका है कि कहीं इन जालसाजों का आईलेट्स संस्थानों से संपर्क तो नहीं है।