ऊधमसिंहनगर में बाल विकास परियोजना अधिकारी के खिलाफ मुकदमा, कार्य में बाधा डालने व शासकीय अभिलेख खराब करने के आरोप भी डीपीओ ने दर्ज कराया केस
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) ने बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर कमलेश राणा के खिलाफ पंतनगर थाने में केस दर्ज कराया है। इसमें सरकारी कार्य में बाधा डालने और शासकीय अभिलेख गायब करने का आरोप लगाया गया है। इस केस की विवेचना जसपुर पुलिस को ट्रांसफर की गई है।पुलिस को दी तहरीर में डीपीओ ने बताया कि 19 मई 2021 को एसडीएम कार्यालय जसपुर में परियोजना कार्यालय की उपस्थिति पंजिका मांगी गई थी। तत्कालीन ब्लॉक कोऑर्डिनेटर मनीष कुमार ने एसडीएम को संबोधित पत्र में बताया कि उपस्थिति पंजिका सुपरवाइजर कमलेश राणा के पास है और उनका कार्यालय कक्ष बंद है। कमलेश कई दिनों से कार्यालय में नहीं आईं हैं। उसने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सीधे मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को पत्र भेजा है जो शासकीय नियमों और कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत है।कोविड-19 टीकाकरण की महत्वपूर्ण बैठक में प्रतिभाग न करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने पर कमलेश ने उच्च अधिकारियों के आदेश की अनदेखी की जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है। इन आरोपों को लेकर कमलेश के खिलाफ हुई जांच में तत्कालीन कनिष्ठ सहायक प्रीति पवार और परियोजना अधिकारी अंबिका चौधरी के बयान दर्ज हुए। सात जुलाई 2021 को उन्होंने अपने पत्र में बताया कि कमलेश के कार्यालय कक्ष और अलमारी का ताला तोड़ा गया था। अभिलेखों का परीक्षण करने पर पाया गया कि कन्या हमारा अभिमान योजना की एफडी अलमारी से गायब थी। नौ जुलाई 2021 को एफडी एवं सभी शासकीय अभिलेख चार्ज में कनिष्ठ सहायक प्रीति पवार को हस्तगत करने के निर्देश दिए गए। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। प्रकरण जसपुर क्षेत्र से संबंधित होने के कारण विवेचना जसपुर स्थानांतरित की गई है।