ऊधमसिंहनगर में 3266 बच्चे कुपोषित, 248 बच्चे अतिकुपोषित।जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समीक्षा बैठक बताया सच। डीएम ने जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिए दिए समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश।
नरेन्द्र राठौर
रूद्रपुर-जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने राष्ट्रीय पोषण अभियान के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों की जिला कार्यालय सभागार में समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में कुपोषित तथा अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने हेतु महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज तथा पेयजल विभाग आपसी समन्वय से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती एवं धात्री माताओं हेतु पूरक पोषाहार समय से उपलब्ध कराने, शिशु स्वास्थ्य एवं बाल आहार देने तथा सन्तुलित आहार के प्रति जनता को जागरूक करने के निर्देश दिये। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व देखभाल, एमसीपी कार्ड एवं प्रसव उपरान्त मातृ-शिशु देखभाल हेतु परामर्श देने, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य जांच, संस्थागत प्रसव एवं स्तनपान अनिवार्यता के बारे में जागरूक करने, पूरक पोषाहार की महत्ता व खाने के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक माह की 05 तारीख को वजन पोषण दिवस पर गर्भवती, धात्री एवं 07 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों की वृद्धि निगरानी करने, अतिकुपोषित, कुपोषित बच्चों के अभिभावकों से कुपोषण मुक्ति हेतु सीधा संवाद करने के निर्देश बाल विकास विभाग को तथा वजन लेने व लम्बाई नापने, ग्रोथ चार्ट पर वजन अंकन करने, अभिभावकों को स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श देने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिये। जिलाधिकारी ने बाल वाटिका वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका भी बनाने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी ने कुपोषण की समस्या समाधान हेतु सुनहरे प्रथम 1000 दिनों (गर्भावस्था के 270 दिन, प्रसव उपरान्त 0 से 06 माह तक 180 दिन, बच्चे के 6 माह से 2 वर्ष तक 550 दिन) पर विशेष फोकस, जिसके अन्तर्गत गर्भावस्था में शिशु के जन्म से 6 माह तक सिर्फ स्तनपान, 06 माह पर अन्न प्राशन कर 02 वर्ष तक ऊपरी आहार के साथ स्तनपान कराने के हेतु जागरूकता लाने के निर्देश बाल विकास विभाग को दिये। डीएम ने गर्भावस्था की स्वास्थ्य जांच, टीटी का टीका, हिमाग्लोबिन जांच, आईएफए टेबलेट वितवरण करने, एमसीपी कार्ड बनवाने, पंजीकरण संख्या अंकित करने व कार्ड में सूचनाओं का अंकन करने, संस्थागत प्रसव तथा जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलानें के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने ईसीसी दिवस आयोजित करने, विभिन्न रोगों के प्रति जागरूक करने करने एवं परामर्श देने, के निर्देश दिये। उन्होंने स्पन्दन केन्द्रों की गतिविधियों, मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान, प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं विकास-प्री-स्कूल गतिविधियों के बारे महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, जल संस्थान, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद में सर्वे के अनुसार शून्य से 05 वर्ष तक के 195389 बच्चे हैं, जिनमें से 3266 बच्चे कुपोषित तथा 248 बच्चे अतिकुपोषित हैं।
बैठक परियोजना निदेशक डीआरडीए हिमांशु जोशी, जिला विकास अधिकारी तारा ह्यांकी, जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरूद्ध, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य आदि उपस्थित थे।