स्वर्गीय चौधरीराम पपनेजा के नाम पर हो किच्छा कालेज डिग्री का नाम! आपातकाल,राज्य निर्माण के साथ समाज सुधार में निभाई थी अहम भूमिका।
एडवोकेट सुभाष छाबड़ा
ऊधमसिंहनगर के किच्छा नगर में स्थापित राजकीय महाविद्यालय का नाम रखने पर कई नाम सामने आए हैं जो अत्यंत ही पुरानी लीक के हैं कुछ ऐसे नाम सुझाए जा रहे हैं जिनके नाम पर हर राह पर हर मोड़ पर हैं उनकी मूर्तियां हैं उनके नाम के शिलापट्ट हैं पत्थर हैं कोई कमी नहीं।
समाज मे छोटे स्तर पर या छोटे कस्बों में ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता ये लोग निस्वार्थ भाव से काम करतें हैं इन्हें किसी नाम की किसी शिलापट्ट की अपनी मूर्ति स्थापित होने की चाह नहीं होती लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे लोग आज के वक़्त में अपने ही लोगों दुवारा भुला दिए जातें हैं ।
आज़ादी के बाद ऐसी बहुत सी शख्सियतें हमारे बीच मे इस उत्तराखण्ड में हुई हैं जिन्होंने राजनीति में शुद्ध आचरण की लड़ाई लड़ी तानाशाही के खिलाफ जंग लड़ी विभाजन के मारे लोगों की मदद की लेकिन हम लोग उनको जाने अनजाने या चाहे अनचाहे उन्हें वो सम्मान नहीं दे सके जिसके वे हकदार थे ।
किच्छा स्वर्गीय चौधरीराम पपनेजा जी की कर्मभूमि रही है उन्होंने अपने लहू से इसे सींचा है लोगों को समाज के हर क्षेत्र में दिशा दी है 1948 में संघ पर प्रतिबंध लगने से लेकर आपातकाल के कठिन दिनों में तानाशाही के सामने सीना तान कर खड़े रहे , सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा के संकल्प को लेकर भी संघर्ष करते रहे उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में भी अग्रणीय भूमिका अदा की ऐसे हमारे स्वर्गीय बुजुर्ग आदरणीय श्री चौधरीराम पपनेजा को आज सम्मान देने का बहुत अच्छा मौका है उनके संघर्ष , त्याग और तपस्या को सलाम किया जा सकता है , डिग्री कालेज का नाम उनके नाम पर रखा जाए ये सम्मान केवल आदरणीय पपनेजा जी का ही नही होगा बल्कि उन सभी संघर्ष शील लोगों का भी होगा जिन्होंने उत्तराखण्ड में कुर्बानियों की गाथा लिखी है ।