हल्द्वानी में भव्य मंगल कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ
नरेन्द्र राठौर
हल्द्वानी के श्री राम लीला मैदान में भव्य मंगल कलश यात्रा के आयोजन के साथ ही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हो गया पारंपरिक परिधानों से सजी महिलाओं ने मंगल कलश धारण कर नगर के विभिन्न स्थानों से निकलते हुए सर्व मंगल की कामना की इस दौरान कुमाऊनी लोकगीत छोलिया तथा वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ की शानदार प्रस्तुति के बीच हरगोविंद सुयाल इंटर कॉलेज के बच्चों ने भी घोष वादन कर कलश यात्रा को भव्य एवं दिव्य स्वरूप प्रदान किया मंगल कलश यात्रा रामलीला मैदान से रेलवे बाजार मीरा मार्ग अग्रसेन चौक कालु सिद्ध मंदिर होते हुए वापस कथा स्थल पर पहुंची।
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इस अवसर पर कथावाचक अवधेश मिश्र किंकर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक महात्मा सत्यबोधानंद अलावा महापौर डॉक्टर जोगेंद्र रौतेला घनश्याम रस्तोगी संजय पांडे महात्मा विशेषानंद महात्मा प्रचारिका बाई महात्मा स्नेहा बाई महात्मा मानसानंद महात्मा प्रभाकरानंद महात्मा आलोकानंद महात्मा हेमंती बाई अजय उप्रेती भोला दत्त कफल्टिया स्वेता किरन मधुलता बाई सुमन ज्वाला दत्त पाठक मोहन जोशी तरुण मिश्रा भुवन उप्रेती किशन उप्रेती गोपाल नेगी हेमा नेगी भगवान दास वर्मा पंकज बत्रा कन्हैया सिंह दीक्षित बिष्ट रेखा बिष्ट चंपा कोठारी भगवान दास वर्मा चंपा नौगाई सोमवीर सिंह महेश पांडे के के सक्सेना भुवन भट्ट गणेश उप्रेती नंदी उप्रेती केएस नेगी राधे राम जीवन सिंह समेत बड़ी संख्या में मानव उत्थान सेवा समिति से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों ने हिस्सा लिया बाद में कथा स्थल पर पहुंचकर प्रथम दिन श्रीमद् भागवत कथा महत्व पर चर्चा करते हुए कथा वाचक अवधेश मिश्र किंकर ने कहा कि श्रीमद्भागवत योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरूप है श्रीमद्भागवत की पूजा स्वयं योगेश्वर श्रीकृष्ण की पूजा है उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत को कलिकाल का कल्पवृक्ष कहा जाता है और जो भी उस का सानिध्य प्राप्त करता है उसे वह सब प्राप्त हो जाता है जो उसके जीवन के लिए कल्याणकारी है कथावाचक ने कहा कि यह कथा सर्वप्रथम योगेश्वर भगवान कृष्ण ने चतुरानन ब्रह्मा को सुनाई चतुरानन ब्रह्मा ने यह कथा देव ऋषि नारद को देव ऋषि नारद ने वशिष्ठ को वशिष्ठ ने व्यास को और वेद ऋषि व्यास ने इसे सुखदेव मुनि को सुनाया सुखदेव मुनि से यह कथा राजा परीक्षित से गुजरते हुए सर्वत्र जगत में व्याप्त हुई इस दौरान विभिन्न तीर्थ स्थलों के संत महात्माओं के अलावा नैनीताल उधम सिंह नगर बागेश्वर चंपावत के भी प्रेमी श्रद्धालु मौजूद रहे