32 लाख के गबन में गुरुमीत और दिलराज पर कस सकता है पुलिस का शिकंजा! पुलिस के नोटिस के बाद बयान दर्ज नहीं करा रहे आरोपी। कोषाध्यक्ष की शिकायत पर मामले की जांच कर रही एएसपी
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)।जब रखवाले ही चोर बन जाए तो फिर संस्थाओं का क्या होगा यह आसानी से समझा जा सकता है। रुद्रपुर में गुरुनानक शिक्षा समिति में भी यही खेल हुआ है। समिति मैनेजर गुरुमीत सिंह और अध्यक्ष दिलराज पर लगे 32 लाख के गबन का आरोप लगा है। दोनों आरोपी पुलिस के नोटिस के बाद अपना बयान दर्ज नहीं करा रहे हैं। जिससे उनके ऊपर कोषाध्यक्ष अमनदीप सिंह द्वारा लगाए गए आरोपो की पुष्टि होती नजर आ रहा रही। मामले की जांच कर रही एएसपी निहारिका तोमर की मानें दोनों आरोपी दो बार नोटिस के बाद भी अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे हैं, यदि दोनों ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया तो आगे की कार्रवाई की जायेगी।
एएसपी निहारिका तोमर
कोषाध्यक्ष अमरदीप के मुताबिक श्री गुरुनानक शिक्षा समिति रुद्रपुर के आजीवन सदस्य है तथा वर्तमान में कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है। अमनदीप के मुताबिक कि समिति का खाता संख्या 2543101006995 केनरा बैंक की शाखा रुद्रपुर में संचालित है जिसका लेन देन समिति के अध्यक्ष स. दिलराज सिंह, प्रबन्धक गुरमीत सिंह व कोषाध्यक्ष स. अमरदीप सिंह तीनों में से किन्हीं दो के पहस्ताक्षरों से किया जाता है। अमरदीप ने18 अगस्त 2023 को शिकायती पत्र पुलिस महानिदेशक को लिखा गया जिसमें उनके द्वारा शिकायत की गयी कि उनकी जानकारी के बिना समिति के अध्यक्ष दिलराज सिंह पुत्र स. अमरीक सिंह, निवासी ग्राम बिगवाड़ा थाना रुद्रपुर ऊधम सिंह नगर एवं प्रबन्धक गुरमीत सिंह पुत्र दयाल सिंह निरंकार साईकिल स्टोर, मेन बाजार, रुद्रपुर जनपद ऊधम सिंह नगर एवं समिति के एक कर्मचारी श्री पूरन पाण्डेय पुत्र रमेश चन्द्र पाण्डेय निवासी कौशलगंज, थाना बिलासपुर जनपद रामपुर यूपी तथा केनरा बैंक कर्मचारियों से मिली भगत कर साजिश के तहत समिति के खाते एक मई 2021 से एक दिसंबर 2022 तक कुल 113 चैकों को माध्यम से लगभग रुपये 31,26,022/- (इकत्तीस लाख छब्बीस हजार बाईस रुपये) का गबन कर लिया गया है। स. अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष द्वारा यह भी शिकायत की गयी कि इनकी गैर जानकारी में उक्त दिलराज सिंह एवं गुरमीत सिंह द्वारा अनेको बार सेल्फ के चैक जारी कर पूरन पाण्डेय से व बैंक के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर धनराशि का आहरण कराया गया, जबकि नियमानुसार सैल्फ के चैक को माध्यम से भुगतान नहीं किया जाना चाहिए था, बल्कि जिस व्यक्ति को भगुतान किया जाना हो उस व्यक्ति के नाम से चैक जारी किया जाना चाहिए था। उक्त धोखेबाजी व गबन का खुलासा जब वह बैंक स्टेटमेन्ट लेने बैंक में गये तो बैंक मैनेजर द्वारा किया गया। स. अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष द्वारा यह भी बताया गया कि बैंक मैनेजर ने यह भी जानकारी दी कि उक्त गबन की धनराशि को दूरदराज के भिन्न-भिन्न स्थानों से समिति के बैंक खाते में आशिक रूप से जमा कराया गया है। सैल्फ के चैक जारी करने से स्पष्ट हो जाता है कि दिलराज सिंह अध्यक्ष एवं गुरमीत सिंह प्रबन्धक द्वारा श्री गुरुनानक शिक्षा समिति रुद्रपुर के बैंक खातों से साजिश के तहत धन का गबन किया गया है। समिति के खाते की स्टेटमेन्ट से स्पष्ट हो कि दिनांक 01 मई 2021 से दिनांक 01 दिसंबर 2022 तक सैल्फ के चैक व पूरन पाण्डेय के नाम से चैक जारी किये गये हैं।स. अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष ने अपने शिकायती पत्र दिनांकित 18.अगस्त.2023 द्वारा पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ मण्डल, नैनीताल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिंह नगर व कोतवाल कोतवाली रुद्रपुर से प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज कर मुल्जिमान के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने की प्रार्थना की गयी। स.अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष के शिकायती पत्र के क्रम में पूरे मामले की जांच करते हुये निहारिका तोमर सहायक पुलिस व अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर रुद्रपुर ऊधम सिंह नगर के पत्र 21 फरवरी 2024 के द्वारा अमरदीप सिंह को उनके बयान हेतु अपने कार्यालय बुलाया गया जिसके क्रम में अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष उनके कार्यालय में उपस्थित हुये व उनके द्वारा स्पष्ट रूप से अपने बयान दर्ज कराए गये व दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रार्थना की गयी। स. अमरदीप सिंह द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि अध्यक्ष दिलराज सिंह व प्रबन्धक गुरमीत सिंह द्वारा अपना बचाव करने की नियत से कर्मचारी पूरन सिंह का पूरी तरह दोषी साबित करते हुए उक्त धनराशि की वसूली को दर्शाने के लिये कर्मचारी पूरन सिंह के घर को समिति के पास गिरवी रख लिया गया है। हालांकि इस बात का कोई साक्ष्य आज तक सामने नहीं आया है। यह कि अमरदीप सिंह कोषाध्यक्ष द्वारा प्रशासन पर आरोप लगया गया कि उक्त पूरे प्रकरण में पुलिस द्वारा बहुत ही शिथिलता दिखायी जा रही है तथा प्रकरण पर कोई रूची नहीं दिखायी जा रही है। चूंकि प्रबन्धक गुरमीत सिंह अपने व्यापार मंडल के अध्यक्ष होने के रुतबे को दिखाता है तथा जांच को प्रभावित कर रहा है। जबकि प्रार्थी द्वारा गबन की गयी धनराशि के साक्ष्य (बैंक स्टेटमेन्ट) प्रस्तुत की गयी है जिसमें स्पष्ट रूप से सेल्फ के चैकों का विवरण है तथा पूरन पाण्डेय के चैकों का भी विवरण दिया गया है।उक्त प्रकरण में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी अति आवश्यक है तथा संस्था में अध्ययनरत छात्राओं के हितों को लिये जरूरी भी है।