रुद्रपुर में चार मौतों ने खोल दी सिस्टम की पोल।प्रसव पीडा पर न 108 काम आई,न अस्पताल।सिस्टम ठीक से काम करता तो नहीं होती इतनी बड़ी अनहोनी
नरेन्द्र राठौर/रुद्रपुर(खबर धमाका)। सरकारें भले ही अपने सिस्टम को ढोल बजा बजाकर पूरी तरह चुस्त दुरुस्त होने का दावा करती हो, लेकिन उनकी जमीन हकीकत सरकार के दावों से कोश दूर है। मुसीबत के समय वह कितनी काम आती और उनकी लापरवाही से कितनी बड़ी अनहोनी हो सकती है,इसका उदाहरण रुद्रपुर में बुधवार को हुई चार मौतें है। सिस्टम की लापरवाही ने परिवार की खुशियों को इस तरह लील लिया कि जिस घर में नवजात की किलकारी गूंजनी चाहिये थीं,वहां बुधवार की सुबह मरघट का मातम पसर गया।जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या 38 निवासी रविन्द्र साहनी पुत्र दिनेश साहनी और ज्योति का लगभग एक वर्ष पहले ही विवाह हुआ था।विवाह के कुछ दिनों बाद ही ज्योति ने गर्भ धारण किया था।परिवार में पहली बार नन्हीं किलकारी गूंजने की उम्मीद से ही सभी परिजन खासे उत्साहित थे।बताया जाता है कि ज्योति को गर्भावस्था का नौवां महीना चल रहा था।मंगलवार की आधी रात लगभग एक बजे ज्योति को अचानक प्रसव पीड़ा का अनुभव हुआ तो उसके पति रविन्द्र ने 108 एम्बुलेंस को कॉल की लेकिन कई बार प्रयास के बाद भी 108 से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।ज्योति की पीड़ा बढ़ते देख परिजन उसे टुकटुक द्वारा जिला अस्पताल पहुंचे जहां सरकारी सिस्टम की काहिली ने अपना असर दिखाया और रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात चिकित्साकर्मियों ने ज्योति को मेटर्निटी वार्ड में भर्ती करने के बजाय उसे बैरंग लौटा दिया।टुकटुक चालक मनोज झमाझम बारिश के बीच ज्योति व उसके अन्य परिजनों को लेकर जिला अस्पताल से वापस भूरारानी की ओर चल दिया जबकि रविन्द्र मोटरसाइकिल पर सवार था।अटरिया मोड़ पार करते ही 31 वीं वाहिनी पीएसी गेट के सामने अचानक हल्द्वानी की ओर से तेज गति से आ रही काले रंग की कार संख्या यू पी 25 डीपी 6168 ने पीछे से टुकटुक में जोरदार टक्कर मार दी।तेज रफ्तार कार की टक्कर से टुकटुक के परखच्चे उड़ गये जबकि हादसे के बाद बेकाबू कार डिवाइडर के बीच लगी लोहे की रेलिंग में जा घुसी।भीषण सडक हादसे की सूचना मिलते ही आवास विकास पुलिस चौकी व ट्रांजिट कैम्प थाने में तैनात पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और टुकटुक में फंसे सभी लोगों को उपचार के लिये जिला अस्पताल पहुंचाया।टुकटुक चालक मनोज ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि उर्मिला पत्नी स्व० लोहा साहनी (42),विभा पत्नी प्रमोद साहनी (36) की उपचार के दौरान मौत हो गयी।गंभीर हालत में जिला अस्पताल से गर्भवती ज्योति को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज रेफर किया गया लेकिन ज्योति और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे,दोनों को ही नहीं बचाया जा सका।हादसे का शिकार हुए टुकटुक में सवार कांति देवी पत्नी दिनेश (38) की गंभीर हालत के चलते उन्हें बरेली के राममूर्ति अस्पताल में भर्ती कराया गया है और ललिता पत्नी सुबोध साहनी (36) शहर के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।भीषण सड़क हादसे की सुबह को एसएसपी मंजुनाथ टीसी,एस पी क्राइम चंद्रशेखर घोडगे,एसपी सिटी मनोज कत्याल,एसडीएम सदर मनीष बिष्ट,तहसीलदार दिनेश खुटोला,कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी,कैम्प थानाध्यक्ष भारत सिंह,निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह,सुरेश कोली,अनिल चौहान,पूर्व पार्षद मोहन खेड़ा,संजय ठुकराल,सुशील गाबा,मोर सिंह यादव,सीपी शर्मा समेत अनेक प्रशासनिक अधिकारी व समाजसेवियों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हादसे से प्रभावित परिजनों को ढांढस बंधाया।भीषण सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के कई लोगों की मौत से से शहर भर में मातम सा पसरा हुआ है।बहरहाल समय रहते यदि 108 एम्बुलेंस की मदद मिल जाती तो वार्ड संख्या 32 भूरारानी अंतर्गत सरस्वती विहार कालोनी निवासी साहनी परिवार के आंगन में बुधवार की सुबह करुण चीत्कार के बजाय शायद नन्हीं किलकारी के गूंजने पर खुशी का माहौल होता।