उत्तराखंड

ऑनलाईन ट्रेडिंग में लाखों की ठगी करने में दो गिरफ्तार।एसटीएफ के साईबर थाना पुलिस को मिली सफलता। Goldman Sachs India Pvt. Ltd नाम के ग्रुप बनाकर कर रहे थे ठगी 

नरेन्द्र राठौर/रुद्रपुर(खबर धमाका)। आनलाइन ट्रेडिंग कंपनी खोलकर लोगों को मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो लोगों की एसटीएफ कुमाऊं के साइबर थाना पुलिस ने रुद्रपुर से गिरफ्तारी किया है। आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में बैंकों के एटीएम, आधार कार्ड, मोबाइल बरामद हुए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद उधम सिंह नगर निवासी पीड़ित द्वारा माह अगस्त 2024 में दर्ज कराया, जिसमें उनके द्वारा माह जून 2024 में फेसबुक में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनको एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुडना बताया गया, चैंटिग करने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से Goldman Sachs India Pvt. Ltd नाम के ग्रुप में जोडकर तथा उक्त ग्रुप में पूर्व से जुडे लोगों द्वारा उसमें अपने प्रॉफिट की धनराशि के स्क्रीनशॉट शेयर किया जाना बताया जिसमें ऑनलाईन स्टाक मार्केट शेयर खरीदे व बेचे जाना बताया गया ।

शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिये अभियुक्तगणों द्वारा व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 53 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।

साईबर अपराधियों द्वारा शिकायतकर्ता को ऑनलाईन शेयर मार्केटिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को शार्ट टर्म में अधिक मुनाफे का भरोसा देकर ठगी की गयी । प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ द्वारा विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम श अरूण कुमार को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते) का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे ।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपीगण- गुरप्रीत सिंह पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी-द्वारिका इन्क्लेव ग्राम छत्तरपुर थाना पन्तनगर जनपद ऊधमसिंहनगर, प्रेमशंकर पुत्र लेखराज सिंह निवासी-ग्राम खितौसा थाना भोजीपुरा जनपद बरेली उत्तर प्रदेश चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की । जानकारी में आया की अभियुक्त गुरप्रीत सिंह भारत से बाहर विदेशी साईबर अपराधियों के लगातार सम्पर्क में है तथा वह पूर्व में दुबई की भी यात्रा कर चुका है । अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानो पर दबिशें दी गयी,किन्तु आरोपीगणों के शातिर किस्म के होने के कारण फरार हो जाते थे । साईबर पुलिस टीम को तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी तथा टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुए दोनों उपरोक्त आरोपियों को रुद्रपुर के मटकोट से गिरफ्तार कर लिया । तलाशी में आरोपियों से घटना में प्रयुक्त 03 अदद मोबाइल फोन्स, विभिन्न बैंको के डेविड कार्ड 09, आधार कार्ड 01, पैन कार्ड 01, वोटर आईडी 01, श्रम कार्ड 01, इयरवड 01, आदि भी बरामद हुए है । साईबर पुलिस की जांच पडताल में अभियुक्त के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म/कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है तथा अभियुक्तों के वाट्सअप के माध्यम से अन्य साईबर अपराधियो से सम्पर्क में होने के साक्ष्य प्राप्त हुये है ।

गिरफ्तारी पुलिस टीम-

SHO श्री अरूण कुमार,उ0नि0 दिनेश कुमार पंत

,अपर उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला,हे0का0 मनोज कुमार,कानि0 जितेन्द्र कुमार

टैक्निकल टीम-उ0नि0 (पु0दू0) दीपक सतीम,0कानि0 बलजिन्दर कौर

अपराध का तरीका

अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने के बात करते थे जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनकें झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे । इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी । जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था । विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधि पीड़ित के खाते में कभी कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे । जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था । अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे । अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतु अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों) का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । यहां अपराधि यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्रार्थमिकता में होते थे । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर चालू बैंक खाते खोले हैं, जिनका एक्सेस उनके द्वारा स्वयं किया जा रहा था । बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आई0डी0 को इटंरनेट बैंकिट के लिये प्रयोग करता था । साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ।       प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तों ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी चालू बैंक खाते खोलकर उन खातो का प्रयोग साईबर अपराध में ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है । इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से संचालित करने हेतु एसएमएस अलर्ट नम्बर व ईमेल आई0डी0 का प्रयोग अभियुक्तों द्वारा किया जा रहा था । इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में करोड़ो रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 10 साईबर अपराधों की शिकायतें

दर्ज है ।

 

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