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फिर बाहर निकलेगा बाबा तरसेम हत्याकांड का जिन्न 28 मार्च को बाइक सवार बदमाशों ने एतिहासिक नानकमत्ता गुरुद्वारे के बाबा की थी हत्या छ: माह बाद हत्याकांड में नामजद बाबा अनूप के फरारी का नोटिस जारी

नरेन्द्र राठौर/रुद्रपुर(खबर धमाका)। उत्तराखंड के एतिहासिक नानकमत्ता गुरुद्वारे साहिब के बाबा तरसेम कि दिन दहाड़े हुई हत्या को लोग आज भी नहीं भूले हैं। बाबा के हत्याकांड से पूरे प्रदेश को हिला दिया था।इधर घटना के करीब छः माह इसका जिन्ना फिर बाहर आने वाला है। पुलिस ने बाबा के हत्याकांड में नामजद बाबा अनूप सिंह के फरारी का नोटिस उनके यूपी स्थित नवाबगंज गुरुद्वारे में चस्पा कर दिया है।

28 मार्च 2024 सुबह सुबह नानकमत्ता साहिब के पास ही डेरा कारसेवा परिसर के भीतर ही बाबा तरसेम सिंह की घटना की खबर समाने आईं थीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तड़के छह बजे बाबा तरसेम सिंह को बाइकसवार हमलावरों ने तीन गोलियां मारी थी। उन्होंने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया. कहा जा रहा है कि दोनों हमलावर मोटरसाइकिल से आए थे और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर फरार हो गए।
तरसेम सिंह पंजाब और तराई में सिखों के सिरमौर माने जाते थे।इस हत्या से उत्तराखंड के साथ पंजाब में भी माहौल गमगीन हो गया था। हत्याकांड की यह पूरी घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई। सीसीटीवी में साफ दिख रहा था कि बाबा जब अपने कमरे के बहार बैठे थे तभी बाइक सवार दो लोगों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी, पांच मिनट में ही घटना को अंजाम देकर हमलाबर फरार हो गए थे।
इधर घटना के दूसरे दिन पुलिस ने मामले दोनों शूटरों समेत पांच लोगों के खिलाफ नमजद मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें पंजाब के तरनतारन निवासी सरबजीत सिंह, यूपी के बिलासपुर रामपुर क्षेत्र निवासी अमरजीत, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी (नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष) हरबंस सिंह चुघ, बाबा अनूप सिंह,एक सिख संगठन के उपाध्यक्ष प्रतीम सिंह संधू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने शूटर अमरजीत सिंह को घटना के कुछ दिनों पर मुठभेड़ में मार गिराया था, लेकिन सरबजीत सिंह आजतक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।इधर घटना में नामजद तीन अन्य लोगों को लेकर सिख समाज ने मोर्चा खोल दिया था, विभिन्न जगहों पर सिख समाज के लोगों ने बैठक कर बाबा अनूप सिंह को निर्दोष बताते हुए उन्हें साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था।इधर पुलिस ने भी नमजद आरोपियों की गिरफ्तारी का मामला ठंडे वस्ते में डाल दिया था, हालांकि पुलिस ने घटना में आधा दर्जन से अन्य लोगों को जेल भेजा था, जिनपर घटना की साज़िश रचने का आरोप था। इधर घटना के करीब छः माह बाद पुलिस ने बाबा अनूप को फरार घोषित कर दिया है।

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