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उधमसिंह नगर

ऊधमसिंहनगर में माफियों का कमाल,डीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर खोद डाली करोड़ों की मिट्टी। ग्रामीणों की शिकायत पर समाने आयी हकीकत। सफेदपोशों के शामिल होने की चर्चा,जांच में जुटा प्रशासन।

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर में मिट्टी और रेत खनन चल रहे बड़े खेल में माफियों बड़ा कारखाना मां कर दिया है। गदरपुर क्षेत्र में डीएम की ओर से मिट्टी खोदने और ढोने के लिए दिए गए अनुमति पत्र में ओवरराइटिंग कर एक महीने की अवधि बढ़ाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि सड़क निर्माण के लिए संबंधित कंपनी को मिट्टी लाने की अनुमति दी गई थी और कुछ ट्रांसपोर्टरों ने अनुमति पत्र में ओवरराइटिंग कर बेजा इस्तेमाल कर लिया। मामला संज्ञान में आने पर डीएम कार्यालय के निर्देश पर बाजपुर के एसडीएम राकेश तिवारी ने तहसीलदार और खनन उपनिदेशक को मामले की जांच सौंपी है। इस मामले में कुछ सफेदपोशों की लिप्तता की भी बात सामने आ रही है।

डीएम की ओर से गदरपुर में सड़क निर्माण कर रही कंपनी को 23 अगस्त को मिट्टी लाने की अनुमति एक महीने के लिए जारी की थी। इसके बाद कंपनी ने गदरपुर, केलाखेड़ा, बाजपुर के स्थानीय खनन कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से मंगवाकर सड़क पर मिट्टी डलवाई थी। केलाखेड़ा के रतना मड़ैया गांव में चार अक्तूबर की रात कुछ लोग पोकलेन की मदद से एक खेत से मिट्टी खोदकर 10 डंपरों में भरवा रहे थे। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था। सूचना पर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने वाहनों को कब्जे में ले लिया था।

इन्हें छुड़ाने के लिए मिट्टी खोदने में लगे लोगों ने डीएम कार्यालय से 23 सितंबर को एक महीने के लिए जारी हुए अनुमति पत्र दिखा मिट्टी खोदने की अनुमति बताई थी। लेकिन जब ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से मालूमात की तो पता चला कि जिला प्रशासन ने इस तारीख को कोई अनुमति पत्र जारी नहीं किया था। मामले में कोई कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों ने अवैध खनन के प्रमाणों के साथ डीएम कार्यालय में शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में कुछ रसूखदार लोग भी शामिल थे। डीएम की ओर से जारी अनुमति पत्र को एक महीना आगे बढ़ाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन का खेल खेला गया।

तो फर्जी अनुमति पत्र से छुड़वा लिए वाहन

रुद्रपुर। केलाखेड़ा में ग्रामीणों की ओर से मिट्टी का खनन का विरोध करने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने 10 डंपर और पोकलैंड को कब्जे में लिया था। बताया जा रहा है कि फर्जी अनुमति पत्र दिखाकर वाहनों को छुड़वा लिया गया था। शिकायतकर्ता ने अवैध खनन के वीडियो भी प्रशासन को भेजे हैं। प्रकरण में शामिल चार लोगों के नाम भी शिकायती पत्र में दिए गए हैं।

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