स्कूल की बिल्डिंग हो खंडहर,गुरूजी अधूरा काम करके पैसा कर गए हजम! 12 साल से साल कागजी घोड़ा दौड़ा रहा है विभाग,गुरूजी पर नहीं हुई कार्रवाई। विभागीय अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। शिक्षा महकमें में स्कूलों निर्माण के लिए सरकार से मिल रहे पैसे में बड़ा खेल हो रहा। जिस काम के लिए पैसा आ रहा वह या तो कागजों पर हो या फिर उसे आधा अधूरा करके पैसा ठिकाने लगाया जा रहा है। पैसे इस बंदरबांट शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
रुद्रपुर के भदईपुरा में इसका उदाहरण समाने आया है,बर्ष 2012मे स्कूल में बच्चों की संख्या अधिक होने के चलते एक कक्ष और एक प्रधानाध्यापक कक्ष के लिए 5.51 लाख रुपया स्वीकृत हुए थे, स्कूल के तत्कालीन प्रधानाध्यापक वीर सिंह यादव ने इसका काम शुरू कराके लिंटर डलवा ने के बाद विभाग को पूरा दिखाकर चार किस्तों में पूरा पैसा ले लिया। लेकिन स्कूल में दरबाजे लगवाए और न ही फर्स डलवाया। खिड़कियां भी नहीं चढ़ाई गयी। इस मामले में कई बार स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत भी की, लेकिन आज तक अधूरे निर्माण कराके पैसा हड़प करने वाले शिक्षक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। इधर बिल्डिंग जिसमें बच्चों को शिक्षा ग्रहण करनी थी, उसमें जानवर बसेरा कर रहे हैं, बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो गयी है। यानी 5’51 लाख रुपया पानी में मिल गया है, समाज सेवी व पूर्व विधायक प्रतिनिधि मनमोहन यादव ने आज फिर इस मामले को उठाया। उन्होंने पूर्व प्रधानाचार्य पर बड़ा भष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा की वह इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से करके कार्यवाही की मांग करेंगे।
चल रही जांच,
मामले मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक अशोक कुमार की माने तो मामले की जांच चल रही, तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने जो फाइल जमा की थी वह नहीं मिल पा रही है।