कार कैरियर्स बनाकर विभाग को चूना लगाने वाला गिरोह सक्रिय।गैर राज्यों के नौ कार कैरियर्स हुए सीज।एआरटीओ प्रवर्तन ने वसूला 88500 रुपये का जुर्माना
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर में एआरटीओ विभाग को व्यवसायिक वाहन स्वामी हर माह लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाने में जुट गए हैं। हाल यह है कि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में साधारण ट्रक के तौर पर दर्ज यह बड़े वाहन भौतिक तौर पर कार कैरियर्स के रूप में सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इस माह अब तक नौ कार कैरियर्स को एआरटीओ प्रवर्तन ने सीज कर जुर्माना लगाया है। हालत यह है कि बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स से यह डिलीवरी लेने विभिन्न राज्यों से आ रहे हैं। इसे लेकर एआरटीओ प्रवर्तन ने कंपनी को पत्र भी लिखा है। बुधवार को भी खतरनाक वाहन की श्रेणी में आ रहे टैंकर को भी सीज किया गया, क्योंकि कागजों में यह एक साधारण ट्रक था। यह प्रक्रिया बाहर गैर जिलों से आने वाले वाहनों में है। इसके लिए संबंधित जिलों को एआरटीओ प्रवर्तन पत्र लिखेंगे।
व्यवसायिक चार पहिया वाहन जैसे ट्राला, कार कैरियर्स के संचालन में अधिक रुपये कमाने के लालच में एक गिरोह इन दिनों प्रदेश में काम कर रहा है। इसमें खास तौर पर व्यवसायिक दृष्टि से सिडकुल होने से यहां पर गैर राज्यों से व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन होता है। इसमें खास तौर पर वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स में विभिन्न श्रेणियों के वाहनों की चेचिस आदि की डिलीवरी लेने दूसरे राज्यों से कार कैरियर्स का आवागमन रहता है। बीते एक माह से बड़ी संख्या में कार कैरियर्स की जांच में कागजों में हेराफेरी कर इनकी मूल बाडी से छेड़छाड़ कर इनके संचालन की बात सामने आ चुकी है। एआरटीओ प्रवर्तन निखिल शर्मा ने अब तक ऐसे नौ कार कैरियर्स का चालान कर करीब 88500 रुपये जुर्माना के जहां वसूले हैं। 42 हजार रुपये अभी वसूली होनी बाकी है। इसके पीछे एक गिरोह की बात होने की बात से भी विभाग इन्कार नहीं कर रहा है। क्योंकि जिस तरह कार कैरियर्स लगातार अपनी मूल बाडी में परिवर्तन कर जिले में आ रहे हैं यह सीधे तौर पर राजस्व को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। दूसरी तरफ यह सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी के साथ ही सुरक्षित यातायात में बाधक हैं। सिडकुल स्थित नामचीन इमामी फैक्ट्री में पहुंचे एक आयल टैंकर को रोककर बुधवार को एआरटीओ प्रवर्तन निखिल शर्मा ने कागज जांच की तो पता चला कि यह एक साधारण ट्रक में दर्ज है। जबकि टैंकर एक खतरनाक वाहन की श्रेणी में आता है। जिसके संचालन के लिए नियम अलग हैं। इन सिंडीकेट के संचालकों का हौसला इतना बढ़ गया है कि सीज किए गए आयल टैंकर का नंबर डीडीओ-1जी- 9367 दादर नगर हवेली में दर्ज है। इसे फैक्ट्री के सुरक्षा गार्डों ने आने पर इसके चालक को अंदर कर लिया और सीज करने पर विरोध करने पर उतर आए। टीम के सख्त रुख दिखाने पर सभी शांत हो गए। एआरटीओ प्रवर्तन ने तत्काल टैंकर को सीज कर दिया।
अब तक सीज किए गए कार कैरियर्स
रुद्रपुर : जनपद में अब तक जो भी कार कैरियर्स सीज किए गए हैं इनके सर्टिफिकेट में यह दूसरे वाहन में दर्ज पाए गए हैं। इसमें दादर व नगर हवेली, हरियाणा प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के दो, नगालैंड, दादर नगर हवेली के दो , उत्तर प्रदेश राज्य व एक अन्य राज्य के कार कैरियर्स शामिल हैं। इन सभी को सीज कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है। ताकि ऐसे वाहनों पर तत्काल प्रभाव से दूसरे जिलों में भी सख्ती के साथ कार्रवाई की जा सके।
वर्जन —–
गैर प्रदेशों से ही ट्रक, गुडस् कैरियर्स की बाडी में बदलाव कर कार कैरियर्स बनाया जा रहा है। इसमें सघनता से जांच के बाद इनको पकड़ा जा सकता है। संभव है कि इन प्रदेशों में अधिकांश दूसरी गाड़ियों में भी यही स्थिति होने की संभावना पूरी है। ऐसे में इन राज्यों के संबंधित जिलों में विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। जिससे आगे वह भी सतर्कता के साथ इन पर शिकंजा कसें। जिले में ऐसे वाहनों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं। कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
निखिल शर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन, रुद्रपुर।