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नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोर्टेन मेल्डाल का ऐतिहासिक व्याख्यान।विज्ञान शिक्षा में रानीखेत का नया कीर्तिमान

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। रानीखेत, मार्च 2025 – राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत, अल्मोड़ा, उत्तराखंड एक नई ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है, जिससे विज्ञान के क्षेत्र में शोध और शिक्षा को एक नई दिशा मिलेगी। आगामी 9 अप्रैल 2025 को शाम 6:30 बजे (IST) महाविद्यालय में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोर्टेन पी. मेल्डाल का ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया जाएगा।                            यह व्याख्यान “रसायन विज्ञान की व्यापकता: क्लिक केमिस्ट्री की नोबेल यात्रा” विषय पर केंद्रित होगा, जो न केवल रसायन शास्त्र के छात्रों बल्कि विज्ञान से जुड़े हर शोधार्थी और शिक्षक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। क्लिक केमिस्ट्री आधुनिक रसायन विज्ञान में एक क्रांतिकारी खोज है, जिसने औषधि निर्माण और आणविक संरचनाओं की खोज को एक नया आयाम दिया है। इस व्याख्यान के माध्यम से छात्रों और शोधकर्ताओं को नोबेल पुरस्कार प्राप्त तकनीकों और उनके प्रभावों को समझने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।इससे पहले, महाविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. डेविड जे. विनलैंड का व्याख्यान आयोजित किया था, जिसमें उन्होंने क्वांटम कंप्यूटेशन पर चर्चा की थी। यह नई व्याख्यान श्रृंखला महाविद्यालय के छात्रों और संकाय को वैश्विक विज्ञान जगत से जोड़ने का एक प्रयास है, जो उन्हें उच्च स्तरीय अनुसंधान और खोजों से परिचित कराएगा।

इस ऐतिहासिक आयोजन के पीछे विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति के समन्वयक एवं महाविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. भारत पांडे की अथक मेहनत और समर्पण है। उन्होंने उत्तराखंड में पहली वर्चुअल केमिस्ट्री लैब की स्थापना कर छात्रों को आधुनिक प्रयोगात्मक तकनीकों से अवगत कराया और अब नोबेल पुरस्कार विजेताओं को छात्रों तक पहुँचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। उनके प्रयासों से यह संभव हो पा रहा है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बसे महाविद्यालयों के विद्यार्थी भी विश्वस्तरीय वैज्ञानिक शोधों और चर्चाओं का हिस्सा बन सकें।

इस व्याख्यान का आयोजन भक्तिवेदांत इंस्टीट्यूट, कोलकाता के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत एक महत्वपूर्ण “ज्ञान भागीदार” की भूमिका निभा रहा है। यह साझेदारी न केवल महाविद्यालय के छात्रों को बल्कि पूरे उत्तराखंड के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को वैश्विक विज्ञान समुदाय से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे ने इस पहल को शिक्षा जगत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि “विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों को हमारे छात्रों से जोड़ना एक असाधारण उपलब्धि है। इस प्रकार के व्याख्यान शोध-अनुसंधान को प्रेरित करते हैं और छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे वैज्ञानिक नवाचारों से जोड़ने का कार्य करते हैं। हमारा महाविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान के नए आयाम स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।”

डॉ. प्रसून जोशी, समन्वयक आईक्यूएसी एवं रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष ने कहा, “यह व्याख्यान महाविद्यालय के लिए एक अनूठी पहल है, जो छात्रों को वैज्ञानिक शोध की नवीनतम प्रवृत्तियों से जोड़ने में सहायक होगी। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार की प्रेरणा मिलेगी।”

डॉ. भारत पांडे का मानना है कि “विज्ञान केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक रोमांचक और व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए। वर्चुअल लैब, नोबेल व्याख्यान और शोध कार्यों के माध्यम से हम छात्रों को नवीनतम वैज्ञानिक खोजों से जोड़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है, जो अनुसंधान और नवाचार के प्रति जागरूक हो और वैज्ञानिक सोच को अपनाए।”

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत, उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस पहल के माध्यम से महाविद्यालय ने यह सिद्ध कर दिया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के लिए भौगोलिक सीमाएँ कोई बाधा नहीं होतीं। आने वाले वर्षों में, यह महाविद्यालय विज्ञान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान बनने की दिशा में अग्रसर है, जहाँ छात्र और शोधकर्ता विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों से सीधे जुड़ सकेंगे और उच्च स्तरीय शोध कार्यों में योगदान दे सकेंगे।

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