हर बार अपनी चाणक्य नीति का लोहा मनमाने में कामयाब हो रहे रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा विधानसभा में तीन मंडल अध्यक्षों के बाद जिलाध्यक्ष भी अपनी पसंद का बनवाने में हुए कामयाब पेशे से सीए शिव अरोरा ने संघ के रास्ते भाजपा में की है इंट्री
नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर जिलाध्यक्ष से लेकर विधायक चुने जाने तक का सफर कर चुके विधायक शिव अरोरा विपक्षी तो विपक्षी, पार्टी के दिग्गजों को भी अपनी चाणक्य नीति का लोहा मनवाते नजर आ रहे हैं। संगठन चुनाव इसका उदाहरण है। पहले वह अपनी पसंद के चार में से तीन मंडल अध्यक्ष बनवाने में कामयाब हुए तो अब अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे हैं। हाईकमान ने विधायक शिव अरोरा की पसंद पर मुहर लगाकर सभी का आश्चर्यचकित कर दिया है।
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रुद्रपुर के विधायक शिव अरोरा की बात करें तो पेशे से सीए शिव अरोरा ने संघ के रास्ते भाजपा में इंट्री की थी, जिसके बाद वह ऊधमसिंहनगर के दो बार जिला अध्यक्ष बने तो ऊधमसिंहनगर में भाजपा को उन्होंने मजबूत करते हुए विपक्ष का सफाया कर दिया। पार्टी ने उनकी कावलियत की वजह से ही 2022 में रुद्रपुर में दो बार के विधायक रहे राजकुमार ठुकराल का टिकट काटकर उन्हें मैदान में उतारा था,जब पार्टी ने दो बार के विधायक का टिकट काटा था तो हर कोई यह सोच रहा था कि शिव अरोरा का जीतना मुश्किल है। लेकिन नतीजे जब समाने आए तो बीस हजार से ज्यादा मतों से जीतकर शिव अरोरा विधायक बन गए। इसके नगर निगम चुनाव में भी उनकी चाणक्य नीति ने पूरा काम किया।विपक्ष की बड़ी घेराबंदी के बाद भी रुद्रपुर में भाजपा प्रत्याशी विकास शर्मा की अब तक की सबसे बड़ी जीत हुई,तो पार्टी के पाषर्दों की संख्या भी 20 को पार कर गई। इधर संगठन चुनाव में भी विधायक शिव अरोरा का जलवा कायम रहा। रुद्रपुर विधानसभा में इस बार चार मंडल अध्यक्ष बने हैं, जिसमें तीन मंडल अध्यक्ष विधायक के पसंद के बताए जा रहे हैं। इधर सोमवार को हुई जिलाध्यक्ष की घोषणा ने तो उनकी चाणक्य नीति का लोहा मनवा दिया है। जिला अध्यक्ष के लिए 15 लोगों ने दावेदारी की थी, जिसमें वर्तमान जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल विधायक की पसंद थे, पार्टी के अन्य नेता बदलाव के लिए जोर लगा रहे थे।माना जा रहा कि इस बार रुद्रपुर विधायक की पसंद पूरी नहीं होगी, लेकिन पार्टी के हाईकमान ने विधायक की पसंद पर ही मुहर लगाई है।
राजनीति से जुड़े लोगों की मानें तो पेशे से सीए रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा पूरी तरह चाणक्य नीति से आगे बढ़ते हैं,इसी वजह से वह अपने सभी विरोधियों को चित करने में कामयाब हो रहे हैं। संगठन में कहा किसे बैठाना है,इसकी रणनीति भी वह पहले ही तैयार कर लेते हैं। विधायक की चाणक्य नीति की वजह से विपक्ष और पार्टी में बैठे विरोधी उनके समाने फेल साबित हो रहे हैं।