उत्तराखंड

मौन पालन और शहद उत्पादन बन सकता है आजीविका का बड़ा साधन-राज्यपाल।पंत विवि में हुआ ‘हनी उत्सव’ का आयोजन

  • नरेन्द्र राठौर 
    पन्तनगर(खबर धमाका)। राजभवन नैनीताल में गो.ब. पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, पन्तनगर द्वारा ‘हनी उत्सव’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में, माननीय राज्यपाल की धर्मपत्नी एवं पन्तनगर विष्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान मंचासीन थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड मुक्त विष्वविद्यालय, हल्द्वानी के कुलपति डा. ओ.पी.एस. नेगी, कुमाऊँ विष्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति डा. डी.एस. रावत एवं उत्तराखण्ड के डीआईजी  योगेंद्र रावत उपस्थित थे।
    हनी उत्सव में उत्तराखण्ड के विभिन्न मौन पालकों एवं विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र, नैनीताल द्वारा शहद एवं शहद से निर्मित मूल्य वर्धित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। माननीय राज्यपाल ने मौन पालकों द्वारा लगाए गये स्टॉलों का भ्रमण कर उनसे जानकारी ली और साथ ही उन्हें प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल द्वारा प्रगतिशील मौन पालकों को उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित किए जाने वाले मौन पालकों में  बिक्रमजीत सिंह, ऊधमसिंह नगर; श्री रघुवर मुरारी, चंपावत तथा नैनीताल जिले से  मनोज कुमार,  शेखर भट्ट,  हरीश सजवाण एवं श्री नारायण सिंह फर्त्याल को सम्मानित किया गया।
    इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को मौन पालन के क्षेत्र में बड़ा आशीर्वाद प्राप्त है जो आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में अच्छा योगदान दे सकता है। उत्तराखण्ड में पैदा होने वाले शहद के औषधीय गुण अलग ही है। उन्होंने कहा कि यहां शहद उत्पादन को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है क्योंकि मौन पालन के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। महिलाओं एवं युवाओं को इस व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि शहद उत्पादन को बढ़ाने और यहां के शहद को देश और दुनिया तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। हमारे प्रदेश में मौन पालन और शहद उत्पादन आजीविका का बड़ा साधन बन सकता है। इसके उत्पादन से जहां आर्थिकी में बढ़ोत्तरी हो सकती है वहीं यह रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि मौनपालन के पारंपरिक तरीकों से हटकर पन्तनगर विष्वविद्यालय शोध एवं तकनीकी के आधार पर शहद उत्पादकता को बढ़ाने में सहयोग करे। शहद उत्पादन के पश्चात इसकी पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के साथ-साथ किस प्रकार वैल्यू एडिशन की जाए इस क्षेत्र में विष्वविद्यालय किसानों को सहायता करें।
    कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि माननीय राज्यपाल के मार्गदर्शन में ‘हनी उत्सव’ का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि शहद के उत्पादन में उत्तराखण्ड में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। वर्तमान में 3000 किलो हो रहा है जिसे बढ़ाकर 40 हजार टन तक बढ़ोत्तरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय ‘वन यूनिवर्सिटी वन रिसर्च’ के अंतर्गत शोध कार्य कर रहा है जिसके जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। विष्वविद्यालय के निदेशक शोध डा. अजीत नैन द्वारा कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। विष्वविद्यालय से मौन पालन शोध केन्द्र के संयुक्त निदेषक डा. प्रमोद मल्ल तथा कीट विज्ञान विभाग के लगभग 20 विद्यार्थी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर के कृषकों के साथ लगभग कुल 100 लोगों ने प्रतिभाग किया।
  • फोटो :राज्यपाल को पन्तनगर के मौन केंद्र से उत्पादित शहद को भेंट करते कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान।
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