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तो गुमनाम बनकर रह जायेगा वायरल पत्र। पूर्व में अधिकारी लगा चुके ऐसे पत्रों की जांच पर रोक कोतवाल किच्छा बोले मेरी छवि को धूमिल करने की साज़िश,करुंगा कानूनी कार्रवाई

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। रविवार को शोसल मीडिया पर वायरल एक पत्र ने ऊधमसिंहनगर से लेकर देहरादून तक खलबली मचा दी है। बताया जा रहा गुमनाम पत्र में ऊधमसिंहनगर के किच्छा कोतवाली में तैनात कोतवाल सुंदरम शर्मा पर गंभीर आरोप लगाया गए हैं। कहा तो यह भी गया है कि डीजीपी कार्यालय पहुंचे इस पत्र पर ऊधमसिंहनगर के एसपी सिटी जांच कर रहे हैं। लेकिन यह लिखनें वाला कौन है, आरोपी सही है,तो फिर शिकायत करने वाले ने अपना नाम उजागर कोई नहीं किया है,यह अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है।


इधर इस मामले हमने खबर धमाका ने कोतवाल किच्छा सुंदरम शर्मा से पत्र को लेकर जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि वह हमेशा उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशन में नियम के तहत ही काम करते हैं। गुमनाम पत्र में वायरल कर करके उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने साफ कहा कि झूठे आरोप लगाकर पत्र वायरल करने वालों के खिलाफ वह कानून के तहत कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनपर जो आरोपी लगाए गए हैं वह सही तो शिकायतकर्ता को अपना नाम खोलना चाहिए।
पुलिस सूत्रों की मानें तो किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती है,जब तक शिकायत करने वाले की पुष्टि नहीं होती है। गुमनाम पत्रों की जांच पर प्रमुख सचिव, डीजीपी पहले ही रोक लगा चुके हैं, यानी गुमनाम पत्रों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता है।
यानी के मतलब साफ है कि जिस गुमनाम पत्र के वायरल होने के बाद ऊधमसिंहनगर से लेकर देहरादून तक खलबली मची है, उससे किच्छा कोतवाल की छवि जरुर धूमिल हुई है, लेकिन पत्र वायरल करने वाली की मंशा रद्दी की टोकरी में दिखाई देंगी।
हालांकि विभाग गुमनाम पत्र वायरल करके पुलिस की छवि धूमिल करने वालों की तलाश में जुटी है।

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