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Video,फोटो मत खींचो साहब,पापी पेट का सवाल ! डीएम कार्यालय के बाहर कूड़े में बैठे दिव्यांग की कहानी। रुद्रपुर में 38 साल का हरिप्रसाद दोनों पैरों से अपहिज। माता पिता की मौत के बाद पेट भरने के लिए 23 बर्ष से कर जद्दोजहद।

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर। दिव्यंजनों के लिए सरकार भले कितनी ही योजना चला रही हो, लेकिन जमीन हकीकत ऊंट के मुंह में जीरे की तरह साबित हो रही।

ऐसा ही एक मामला मंगलवार को ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे सूचना अधिकारी कार्यालय के बहार समाने आया है, वहां पड़े कूड़े के ढेड़ में एक विकलांग बैठा इधर उधर हाथ चला रहा था, हमारी जब नज़र पड़ी तो हमने पूछा की,इस कूड़े में बैठकर क्या रहे हो,तो बिकलांग पहले तो वोले साहब फोटो मत खींचो, फिर वोला कूड़ बीनकर ही अपनी रोटी का जुगाड करता है,अपना नाम हरिप्रसाद पुत्र श्याम लाल बताते हुए बोला की माता पिता की मौत हो चुकी है,घर बेचकर दो बहिनों की शादी कर दी,और अब अपना पेट भरने के लिए यह काम करना पड़ रहा है। 23 बर्ष हो गए इस काम को करते हुए। हमने पूछा की आपको पेंशन नहीं मिलती है,तो बोला की कोशिश बहुत की है, लेकिन जहां भी जाता हूं,वहां से भगा दिया जाता है। पैरों से पूरी तरह अपहिज होने की वजह से कोई काम भी नहीं कर सकता।ऐसे में कूड़ा बीनकर ही रोटी का जुगाड करता हूं। यह तो सिर्फ एक दिव्यांग का उदाहरण है,शहर कूड़े के ढेरों के पास न जाने कितने ऐसे लोगों अपनी रोटी तलाश कर रहे हैं,जिनकी तरफ सिस्टम का ध्यान नहीं जाता है, हरिप्रसाद जिस जगह कूड़ा बीन रहा रहा था वह पर बड़े बड़े अफसर बैठते हैं, लेकिन किसी ने उसकी पीड़ा जानने की कोशिश नहीं की।

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