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उत्तराखंड

पर्वतीय जिलों से युवाओं का लगातार हो रहा पलायन,नेगी। समाजसेवी ने पहाड़ से पयालन के लिए कांग्रेस -भाजपा को ठहराया जिम्मेदार

नरेन्द्र राठौर 

अल्मोड़ा -उतराखड राज्य के पर्वतीय जिलों से युवाओं का पलायन का रफ्तार दिन पर दिन बडते जा रहा है।           उत्तराखंड प्रथक राज्य बनाने के लिए सर्वदलीय संघर्ष समिति व उतराखड क्रान्ति दल ने 26साल तक उतराखड प्रथक राज्य के लिए संघर्ष किया यहां तक कि। दो अक्टूबर,खटिमा गोली कांड मंसूरी गोली कांड में लोग शहीद हुए उन शहीदों का सपना था हमारे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों व दुर्गम स्थानों के गरीब परिवार लोगों को रोजगार मिलें और उत्तराखंड का बिकास हो।    उत्तराखंड राज्य को बने 23साल होने जा रहे हैं। उत्तराखंड प्रथक राज्य आन्दोलन कारी व शहीदों का सपना धरा का धरा रह गया।उत्तराखंड प्रथक राज्य बनने के बाद कभी कांग्रेस सरकार आई कभी बिजेपी सरकार जनता की मूलभूत समस्यायों निराकरण व बिकास तो पर्वतीय क्षेत्रों व दुर्गम क्षेत्रों हुआ नहीं हां इतना जरूर हुआ बेरोजगारी के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्यायों व शिक्षा संबंधित समस्यायों के कारण व अपनी आजिविका व रोजगार दिनचर्या के चक्कर में उत्तराखंड का पर्वतीय व दुर्गम क्षेत्रों का युवा पलायन की रफ्तार पकड रहा।उत्तराखंड राज्य से पलायन करने में पौड़ी, अल्मोड़ा, चमोली नैनीताल आदि जिले सबसे आगे हैं।प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया उतराखड में 50प्रतिशत लोग अपनी आजिविका व रोजगार के चक्कर में पलायन कर रहे हैं। बाकी लोग स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधित समस्यायों के बदहाल स्थिति को देखकर पलायन कर रहे हैं।।

नेगी ने बताया उतराखड राज्य में अगर शासन प्रशासन ने रोजगार व शिक्षा व स्वास्थ संबंधित समस्यायों में सुधार नहीं किया तो अभी तो पौड़ी, अल्मोड़ा, चमोली नैनीताल ही पलायन कर रहे भविष्य में और भी जिले पलायन करने को मजबूर हो जाय।

सरकार को उत्तराखंड के पलायन को रोकने के लिए कोई न कोई कारवाई करके समाधान निकालना चाहिए।

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