कौन लेता है सीलिंग की जमीन पर निर्माण कराने के पैसे! प्रीती बिहार में अवैध निर्माण पर निशाना लगाने गये पटवारी, कानूनगो के सामने जनप्रतिनिधि ने लगाए आरोप। बोले पहले जेंम गरम कर बनवाते हैं और अब तोडने का भय दिखा रहे हैं
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। महानगर के वार्ड 25 प्रीत बिहार में सीलिंग की जमीन पर हाईकोर्ट की रोक के बाद भी निर्माण होते रहे,आलम यह है,की कोराना काल में करीब एक हजार मकान सीलिंग की जमीन पर बनकर खड़े हो गये,यह सब न तो रातो रात हुआ है,और न ही चोरी छिपे, तहसील प्रशासन,नगर निगम और पुलिस सब की आंखों के नीचे करोड़ों की जमीन भूमाफिया बेचते रहे,और लोग भवन बनाते रहे।
सोमवार को नायब तहसीलदार भरत लाल, पटवारी नसीब जब क्षेत्र में 156 घरों पर निशाना लगाने पहुंचे तो उन्हें लोगों ने घेर लिया लिया। लोगों का कहना था की प्रशासन पहले क्षेत्र के सभी लोगों को नोटिस देने चाहिए, इसके बाद निशान लगाने की कार्यवाही की जाये,इधर मौके पर पहुंचे भाजपा पार्षद व महानगर अध्यक्ष नीटू यादव ने कहा की जब मकान बन रहे थे तब तहसील प्रशासन कहा था, उन्होंने कहा की रातों रात पक्के मकान नहीं बन जाते। उन्होंने आरोप लगाया की तहसील प्रशासन के ही कुछ कर्मचारी सुविधा शुल्क लेकर सीलिंग की जमीन पर निर्माण करा रहे हैं, ऐसे लोगों को के खिलाफ अधिकारियों को कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा की तहसील प्रशासन की मनमानी नहीं चलने दी जायेगी।
इधर मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा की जब जमीन सीलिंग की थी तो फिर इसकी रजिस्ट्री क्यों की गयी, निर्माण जब हो रहा था प्रशासन कहा था, उन्होंने आरोप सीलिंग की जमीन पर तहसील प्रशासन की मिलीभगत से निर्माण हुए हैं, अधिकारियों को पहले ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। तहसील कर्मियों के समाने ही अन्य लोग भी कई गंभीर आरोप लगाते नजर आते,भारी विरोध के निशान लगाने गरी तहसील प्रशासन की टीम वापस लौट आयी।
चर्चा यह भी है।
सूत्रों की मानें तो सीलिंग की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण कुछ लोगों के लिए कमाई का धंधा साबित हो रहा है, प्रशासन की टीम जब कभी कार्यवाही करती है, उसके बाद विभाग से ही जुड़े कुछ लोग अतिक्रमणकारियों के पास जाकर निर्माण कराने का ठेका ले लेते हैं, जिसके बाद उनका निर्माण पूरा हो जाता है, अधिकारी कभी कार्यवाही करने जाते हैं,इससे पहले ही अतिक्रमणकारियों को सूचना भी मिल जाती है, जिससे काम कुछ दिनों के लिए बंद हो जाता है, तहसील प्रशासन जितने भी अतिक्रमण तोड़े हैं, सभी बाद भी बनकर तैयार खड़े हुए हैं,जिसका अधिकारी भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं।