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बेहड की नैतिकता पर शुक्ला का सवाल! बोले किसी ने कहा नहीं,या फिर अपने सभी बूथों की ले जिम्मेदारी। पूर्व विधायक शुक्ला ने जारी किया बूथ बार आंकड़ा।बोले बेहड से जनता का हुआ मोहभंग

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। किच्छा विधानसभा क्षेत्र में विधायक तिलक राज बेहड और पूर्व विधायक शुक्ला के बीच जुवानी जंग कोई नई बात नहीं है, दोनों एक दूसरे के बयान का अलग-अलग मतलब निकालकर बार पलटवार करते रहे हैं। अब दोनों के बीच लोकसभा चुनाव में आए परिणामों को लेकर बहस छिड़ गई है।
शुक्रवार को पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने क्षेत्रीय विधायक तिलक राज बेहड़ के मलसा बूथ पर हुई हार की नैतिक जिम्मेदारी लेने वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नैतिक जिम्मेदारी लेना तब माना जाता है जब वह व्यक्ति अपने पद से इस्तीफा दे, वरना नैतिक जिम्मेदारी का क्या मतलब है?
शुक्ला ने कहा कि किसी ने बेहड़ से नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग या आरोप नहीं लगाया उन्होंने खुद यह बयान दिया कि मैं अपने गांव मलसा में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, जबकि उन्होंने किच्छा विधानसभा के बूथ नंबर 80 की हार की जिम्मेदारी नहीं ली जहां उनका कैंप कार्यालय एवं परिवार सहित वोट है, यहां उन्हें 101 मत मिले और बीजेपी को 431 मत मिले, इसी प्रकार रुद्रपुर के आवास विकास स्थित बूथ नंबर 48 जहां वह वर्षों से रह रहे हैं वहां भी कांग्रेस की बड़ी हार हुई है वहां कांग्रेस को 81 तथा भाजपा को 312 को मत मिले, किच्छा विधानसभा में मात्र ढाई वर्षो में ही कांग्रेस व बेहड़ से जनता का मोह भंग हो गया है तथा 160 बूथों में से 98 बूथों पर कांग्रेस की हार हुई है जिन 62 बूथों पर कांग्रेस भाजपा से आगे रही उनमें अधिकांश मुस्लिम आबादी के बूथ हैं, पर मुस्लिम बूथों पर भी 7 से 15% तक वोट भाजपा को पड़े हैं, यह साबित करता है कि किच्छा विधानसभा क्षेत्र की जनता तिलक राज बेहड़ के प्रदर्शन से निराशा है व उसका मोह भंग हो गया है।
शुक्ला ने कहा कि 2022 में लगभग 10 हजार वोटो से पिछड़े भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं के दम पर तथा नरेंद्र मोदी जी व पुष्कर सिंह धामी जी के कुशल विजन व गुड गवर्नेंस के दम पर जबरदस्त वापसी की है तथा लगभग 20 हजार वोट मात्र ढाई वर्षो में बढ़े हैं, 10 हजार जो रुख हुए थे वे और 10 हजार जो आगे निकले हैं वो। शुक्ला ने कहा कि इसे 8500 की जीत न माना जाए क्योंकि पंतनगर विश्वविद्यालय व टीडीसी के लगभग 2000 कर्मचारी लोकसभा के चुनाव में जहां भी इलेक्शन ड्यूटी में थे उन्होंने वहीं EVM में अपना वोट कर दिया।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि किच्छा की जनता ने लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को जीतकर मेरा भी मान बढ़ाया है मैं इस विधानसभा का संयोजक था तथा जिस तरह 160 में से लगभग 100 बूथों पर भाजपा की जीत हुई है उसमें मेरा किच्छा का आवास विकास का बूथ नंबर 84 भी है जहां हमने कांग्रेस को 409 मतों से हराया उन्हें 126 तथा भाजपा को 535 मत मिले तथा रुद्रपुर के औद्योगिक क्षेत्र शुक्ला फॉर्म के बूथ नंबर 78 पर जहां हमारा परिवार रहता है वहां भी 471 भाजपा को व 161 कांग्रेस को मत मिले तथा मेरा रामनगर गांव जहां के हम मूल निवासी हैं उस बूथ नंबर तीन पर भी भाजपा की जीत हुई है जहां भाजपा 299 तथा कांग्रेस को 189 मत मिले हैं।
शुक्ला ने कहा कि बेहड़ के मुंह से नैतिकता की बात अच्छी नहीं लगती और न ही उन्हें नैतिक जिम्मेदारी का पता है यदि वास्तव में वे नैतिक जिम्मेदारी ले रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर पुनः जनादेश लेना चाहिए।
शुक्ला ने कहा कि बेहड ने अपने पुत्र को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर विधायक प्रतिनिधि बनाने से कांग्रेस के कार्यकर्ता भी निराश हैं तथा इसी कारण उनके बेहद करीबी कांग्रेसी भी मोह भंग होने से भाजपा में लगातार ज्वाइन कर रहे हैं तथा कांग्रेस में अपना भविष्य टटोलने गए गत् चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता भी अपनी पार्टी में वापसी कर रहे हैं।

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