लंका पहुंचे हनुमान,रावण की नगरी में लगाई आग।शहर की मुख्य रामलीला में हनुमान संपाती संवाद से लेकर लंका दहन तक की लीला का मंचन
नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)।- मुख्य रामलीला में विगत रात्रि श्रीराम लीला में आज हनुमान संपाती संवाद, जामवन्त द्वारा हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाना, हनुमान का लंका पहुंचना, रावण-सीता संवाद, हनुमान सीता संवाद, हनुमान द्वारा अशोक वाटिका को उजाड़ना, हनुमान द्वारा अक्षय कुमार वध, हनुमान- मेघनाद संवाद, मेघनाद द्वारा ब्रहमास्त्र चला कर हनुमान जी को बंधक बनाना, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन तक की लीला का का मंचन हुआ।
लंका में वाटिका उजाड़ने के दौरान फल ग्रहण करते हनुमान
विगत रात्रि की रामलीला में पहुंचें मुख्य अतिथि अजय भट्ट नें पूर्व में दिये गये अनुदान राशि के कार्यो का लोकार्पण करनें के साथ ही 5 लाख की धनराशिदेनें की घोषणा भी की । श्री रामलीला कमेटी ने मुख्य अतिथि सांसद अजय भट्ट को माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया एवं आभार व्यक्त किया।
लंका में माता सीता को राम का संदेश सुनाते हनुमान
अपने संबोधन में सांसद अजय भट्ट नें कहा कि रामलीला भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से भारतीय समाज की पुरानी परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण किया जाता है। रामलीला द्वारा रामायण की कथा को मंचित किया जाता है जिससे युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों और इतिहास की जानकारी मिलती है। रामलीला के प्रत्येक दृश्य को अगर सामाजिक दृष्टि से देखा जाए तो हमें अच्छे और बुरे ,सत्य और असत्य ,सच और झूठ, धर्म और अधर्म का पाठ पढ़ाकर सही के चुनाव को ही हमेशा करनें की सीख देती हैं।
आज गणेश वंदना, राम वंदना एवं हनुमान वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृष्य में विशाल समुन्द्र तट पर वानर दल की मुलाकात गिद्धराज संपाति से होती है। गिद्धराज संपाति उन्हें बताते हैं कि माता सीता सौ योजन दूर संमुद्र पार बैठी हैं। जो कोई वानर अपनी बुद्धि व बल से इसे पार करेगा वही सीता माता के दर्षन कर सकेगा। एक बार फिर वानर दल की आशा भरी नजरें हनुमान जी पर जा टिकती है लेकिन हनुमान जी अपनी शक्तियों को भूलकर एक शिला पर जा बैठतें हैं। जामवन्त, अंगद जी, नल, नील सहित समस्त वानर दल हनुमान जी को अपनी शक्तियां याद दिलाता है। जैसे ही हनुमान जी को अपनी शक्तियां याद आती हैं तो वह उड़ान भरकर लंका पहुंच जाते है।
लंका में अशोक वाटिका में वह रावण व सीता जी का संवाद सुनते है। रावण के जानें के बाद हनुमान राम जी की मुद्रिका को सीता जी के सामनें फैंकते है। सीताजी हनुमान जी को अपनी पीड़ा बताते हुये कहती हैं कि अब वह ज्यादा समय तक जीवित न रहेंगी। हनुमान जी सीताजी को आशवस्त करते हैं और उन्हें यकीन दिलाते हैं कि राम अवश्य ही आपको रावण की कैद से आजाद करायेंगे। सीता जी के जानें के बाद हनुमान जी पूरी अशोक वाटिका को उजाड़ देते हैं। रावण के पुत्र अक्षय कुमार का भी वध कर देते है। इसके बाद रावण द्वारा मेघनाद को भेजा जाता है, जो ब्रहमपाश का प्रयोग कर उन्हें बांध लेता है और रावण के दरबार में ले आता है। यहां रावण व हनुमान के बीच तीखी बातचीत होती है। हनुमान की खरी-खरी बातों का जबाव देनें में विफल रावण बौखला जाता है और क्रोधित होकर हनुमान जी को मारने के लिये तलवार उठा लेता है, लेकिन विभीषण द्वारा राजधर्म का पाठ पढ़ाये जानें पर वह हनुमान जी की पूंछ में आग लगानें का आदेश देता है। यह दांव भी रावण पर उल्टा पड़ता है क्योंकि हनुमान जी अपनी पूछं से लंका नगरी को ही जला कर खाक कर देते हैं।
आज की लीला में हनुमान जी की भूमिका में सुशील गाबा, गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर, सीता की भूमिका में गौरव जग्गा, ऋषि- सचिन मुंजाल, मेघनाद- रमन अरोरा, अक्षय कुमार- अभय भुड्डी, विभीषण- सचिन आनन्द, संपाती की भूमिका में गोला ईदरीसी, धनपालिनी की भूमिका में नरेश छाबड़ा, जोकर पार्टी राम कृष्ण कन्नौजिया, गोगी नरूला, कुक्कू षर्मा, पुरूराज बेहड़, कनव गंभीर, एवं वानर दल सेनापति की भूमिका में आयुष्मान सुशील गाबा नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव संदीप धीर एवं मंच सचिव विजय जग्गा नें किया।
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हनुमान जी को शक्तियां याद दिलानें का ऐतहासिक दृष्य दशकों याद रखेगा रूद्रपुर*
आज हनुमान दल द्वारा हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाने का दृश्य पूर्ण रूप से नयी साज सज्जा के साथ ही बिल्कुल नये ढंग से दर्शाया गया। बाल कलाकारों द्वारा इस दृष्य में किये गये शानदार अभिनय नें सबका मन मोह लिया। हनुमान जी का किरदार निभा रहे सुशील गाबा नें इस दृश्य को अलग तरीके से करानें की ईच्छा जतायी, तो मंच के ही कलाकार अक्ष अग्रवाल नें कोरियोग्राफर की भूमिका निभा डाली। दोनों लोगो व बच्चों की एक पखवाड़े की मेहनत कर नये एवं बाल कलाकारों को करायी गयी तैयारी आज मंच पर दिखायी दी। नव कलाकारों एवं बाल कलाकरों नें एक सुरताल में हनुमान जी को शक्तियां याद करानें, उनकी नयी ड्रैसों नें समां बांध दिया। आखिरी मे हनुमान जी का किरदार निभा रहे सुषील गाबा का विकराल रूप नें एक बड़ी लकीर खेंच दी।
इस दृष्य में जामवन्त जी की भूमिका रोहित खुराना, अंगद की भूमिका में आशमन अरोरा, नल- आयुश धमीजा, नील- शौर्य अरोरा, सेनापति आयुश्मान सुशील गाबा, शिव सुखीजा, दिव्यांश गोयल, पारस अरोरा, कनव गंभीर, हर्षित अरोरा, हर्ष नरूला, सक्षम दुआ, ग्रंथ अरोरा, शौर्य चोपड़ा, अग्रिम सचदेवा, युवी भुड्डी, निर्वाण जग्गा, मनकरन रंधावा, शिवांश कोहली, शिवाय मुंजाल, माधवन अरोरा, शामिल थे।
बक्स 002- रामबाग बाग शमशान घाट के प्रबंधक गौरव बेहड़ द्वारा सौपें ज्ञापन पर सांसद अजय भट्ट नें तत्काल की 10 लाख देनें की घोषणा
श्री रामबाग शमशान बाग रूद्रपुर के प्रबंधक गौरव राज बेहड़ नें क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट को शमशान भूमि रूद्रपुर के विकास कार्यो के लिये ज्ञापन सौंपते हुये कहा कि सिडकुल की स्थापना के बाद रूद्रपुर शमशान घाट मे आनें वाले पार्थिव देहों के अंतिम दाह संस्कार की व्यवस्था होती है। इसका प्रबंधन श्री सनातन धर्म सभा के माध्यम से संचालित होता है, वर्तमान में इसके जीर्णोद्धार की आवष्यक्ता है। सांसद अजय भट्ट नें तत्काल दलगत राजनीति से उपर उठकर शमशान भूमि के जीर्णाद्धार के लिये 10 लाख रूपये देनें की घोषणा की।
इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित अरोरा सीए, समन्यवयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, हरीषश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला, आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, श्री रामनाटक क्लब कार्यकारणी सरंक्षक मोहन लाल भुड्डी, सरपरस्त प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, राम कृश्ण कन्नौजिया एवं अनिल तनेजा, डायरेक्टर विशालभुड्डी, मनोज मंुजाल, आशीष ग्रोवर आशू, महामंत्री गौरव तनेजा, कोषाध्यक्ष रमन अरोरा, सहसचिव गौरव राज बेहड़ एवं गुरशरण बब्बर शरणी, सुभाष तनेजा, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, अमित चावला, सन्नी आहूजा आदि मौजूद थे।