पहाड़ में पंचर साईकिल दौड़ने का दंभ!सपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष पहुंचे रुद्रपुर,बोले कांग्रेस-भाजपा का बहुत हुआ खेल,अब सपा की बारी। प्रदेशाध्यक्ष के बयान से राजीनिति विश्लेषक हैरान,बोले उत्तराखंड में सपा की मानसिकता कभी नहीं होगी स्वीकार
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। पिछले दिनों उत्तराखंड के दौरे पर सपा के मुखिया अखिलेश यादव के दौरे के बाद पार्टी उत्तराखंड में खोई शियासी जमीन को मजबूत करने में जुट गयी है,देखने में यह भले ही मुश्किल हो, लेकिन अखिलेश के जाते ही नियुक्त किए गगये प्रदेशाध्यक्ष शम्भू प्रसाद पोखरियाल ने अपने बयान में इसे बड़ा आशान बताया है। उन्होंने प्रदेश में पंचर हो चुकी साइकिल को मैदान के साथ पहाड़ों पर तेज रफ्तार से दौड़ने का एलान कर दिया है।
स्पा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष गुरुवार को रुद्रपुर पहुंचे। उन्होंने एक एक होटल पहले कार्यकर्ताओं के बैठक की और फिर पत्रकारों से रूबरू हुए। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा की उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही विकास की जनता को गुमराह किस है, पर्यटन स्थलों पर विनाश का काम किया जा रहा है। जोशीमठ इसका उदाहरण है। प्रदेश में बेरोज़गारी,बेकारी बढ़ रही है। रोजगार न मिलने से पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन हो रहा, लेकिन सरकार कुछ करती नजर आ रही। उन्होंने कहा की उनकी सरकार आयी तो। लोगों काम देने का काम होगा। प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग उनसे जुड़े हुए हैं। मैदान और पहाड़ पर साईकिल तेजी से दौड़ लगाएंगी। नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष का इस दावे में कितना दम है,यह समझना जरूरी है। यूं तो पहाड़ ने कभी भी सपा की साइकिल पर सवारी नहीं है। राज्य गठन के बाद हरिद्वार सीट पर सपा का कब्जा रहा था, लेकिन इसके बाद सपा का पूरे प्रदेश से सफूडा साफ हो गया। चुनाव के समय प्रदेश में पार्टी को प्रत्याशी मिलने के भी लाले पड़ते हैं,वहीं जो लोग नाम के लिए मैदान में उतरते हैं,उनकी जमानत जप्त हो जाती है, उत्तराखंड गठन के बाद ही यह पर कांग्रेस और भाजपा के आवास कोई क्षेत्रिय पार्टी नहीं पनप पायी है। लेकिन सपा के मुखिया अखिलेश यादव के दौरे के बाद पार्टी का दावा बढ़ा हैरान करने वाला है, अखिलेश ने भी लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था। इधर राजनीति विश्लेषकों की माने तो उत्तराखंड के मतदाता कभी भी सपा को स्वीकार नहीं करेंगे। यूपी में सपा की जो नीति है,वह उत्तराखंड में मतदाता स्वीकार्य नहीं करेंगे।