Latest:
उधमसिंह नगर

सामिया की राह में प्रशासन बना रोड़ा। बेची गई जमीन को कुर्क करने का नोटिस भेजने से मची खलबली। फ्लैट व विला खरीद चुके लोगों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा। कालौनी के एमडी वोले धीरे धीरे व्यवस्था हो रही ठीक, प्रशासन को देना चाहिए मोहलत

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही प्रदेश की सबसे बड़ी सामिया लेक सिटी के समाने अब प्रशासन ने ही मुसीबत खड़ी कर दी है। प्रशासन की कार्रवाई से जहां सामिया प्रबंधन हैरान हैं,तो कालौनी में विला व फ्लैट खरीद चुके कई लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।

दरासल शहर के काशीपुर रोड पर दानपुर में स्थित सामिया लेक सिटी पिछले काफी समय से विवादों में घिरी रही है। पिछले कुछ दिनों से सामिया में आया नया प्रबंधन अपनी पुरानी गलतियों में सुधार करने में जुटा है, कालौनी में पूर्व में फ्लाट व विला खरीद चुके लोगों को फ्लैट व विला दिए जा रहे हैं,तो कई ग्राहकों को पैसा भी लौटाया गया है। सामिया प्रबंधन प्रशासन का भी करीब दो करोड़ रुपए जमा कर चुका है, बताया जा रहा कि वर्ष 2022 में वकाए के चलते प्रशासन ने कालौनी की जमीन कुर्क कर दी थी,जिसकी सरकारी रेट से कीमत करीब पांच करोड़ रुपए बताई जा रही है। इधर प्रशासन ने पिछले माह कालौनी का खसरा नंबर 385 को भी कुर्क करने का नोटिस जारी कर दिया। प्रशासन के इस नोटिस कालौनी के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा कि प्रशासन ने जिस खसरा नंबर की जमीन कुर्क करने का नोटिस दिया है, उसके काफी संख्या में पार्क,झील,बिलाऔर फ्लैट बने हुए हैं, जिसमें कई लोगों ने फ्लैट व विला खरीद रखें है,जिसकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज भी हो रखे हैं।
इधर प्रशासन के नोटिस के बाद खसरा नंबर 385 में जमीन खरीदने वाले लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। कोर्ट ने सामिया विल्डर और प्रशासन दोनों को नोटिस भेजकर जबाव मांगा है।
बाक्स
मामले में सामिया लेक सिटी के एमडी जमील खान का कहना कि प्रशासन उनपर अनावश्यक दबाव बना रहा है, तहसील प्रशासन के मुताबिक उनके ऊपर 3.80 करोड़ की देनदारी है, इसके एवज में प्रशासन ने उनकी करीब पांच करोड़ कि जमीन पहले ही कुर्क कर रखी है, ऐसे में उनकी दूसरी जमीन कुर्क करने का नोटिस देना समझ से परे है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर जो रिकवरी है, उसमें करीब 80 लाख रुपए का सेटेलमेंट भी हो चुका है,जिसका पत्र उन्होंने रेरा कोर्ट में भेज दिया है, उनपर करीब तीन करोड़ का बकाया है,इस वर्ष वह करीब दो करोड़ रुपया तहसील में जमा करा चुके हैं,और धीरे-धीरे बकाया अदा कर रहे हैं, ऐसे में प्रशासन को उन्हें मोहलत देनी चाहिए।

error: Content is protected !!