ऊधमसिंहनगर में टीडीसी के नए भवन बनाने की मिली मंजूरी।पढ़ें,कितनी लागत से कहा बनेगा टीडीएस का नया भवन
नरेन्द्र राठौर/रुद्रपुर(खबर धमाका)। टीडीसी के निदेशक मण्डल की 248वीं बैठक में नये मुख्यालय भवन के निर्माण की स्वीकृति।
उत्तराखण्ड सीड्स एण्ड तराई डेवलपमेण्ट कारपोरेशन लि० की 248वीं निदेशक मण्डल बैठक 27 सितम्बर को अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन उत्तराखण्ड शासन/अध्यक्ष, टी०डी०सी० की अध्यक्षता में देहरादून में आयोजित हुई। बैठक में निगम के उत्थान से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गई। निगम के प्रबन्ध निदेशक उदयराज सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि पन्तनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कारण निगम के नये मुख्यालय भवन की आवश्यकता है, इस हेतु नये मुख्यालय भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं यथा आगामी रबी 2024-25 सत्र हेतु फुटकर विक्रय दरों, आगामी सत्रों हेतु विपणन रणनीति, आगामी रबी 2024-25 बीज उत्पादन कार्यक्रम, हल्दी स्थित परिसर के ध्वस्तीकरण, बैलेंस शीट तथा कार्मिकों के हित में अन्य विभागों में समायोजन इत्यादि बिन्दुओं पर चर्चा उपरान्त निर्णय लिये गये। उक्त के साथ-साथ बैठक में निगम के व्यवसाय में वृद्धि करने हेतु विभिन्न सम्भावित विकल्पों पर चर्चा की गई। निगम द्वारा उत्तराखण्ड के अतिरिक्त बाह्य राज्यों यथा बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ इत्यादि राज्यों में सरकारी संस्थाओं के माध्यम से गेहूँ प्रमाणित बीज विक्रय किया जाता है। जिसकी मांग वहाँ की परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तित होती रहती है। अतः उक्त के सम्बन्ध में विपणन की मांग के दृष्टिगत बीज उत्पादन हेतु राज्य की अन्य बीज उत्पादक संस्थाओं से समन्वय किया जा सकता है, जिसके क्रियान्वयन हेतु विकल्प उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।
बैठक में सचिव, कृषि, उत्तराखण्ड शासन, जिलाधिकारी, ऊधम सिंह नगर/प्रबन्ध निदेशक, टी०डी०सी०, अपर सचिव, वित्त, उत्तराखण्ड शासन, कृषि निदेशक, उत्तराखण्ड, डा० अभय सक्सेना, मुख्य कृषि अधिकारी, ऊधम सिंह नगर/महा प्रबन्धक, टी०डी०सी० डॉ0 अभय सक्सेना, मुख्य महाप्रबन्धक (फार्म), वि०वि०, पन्तनगर, कृषक निदेशकगण अंकुर पपनेजा, हरमन्दर सिंह सिद्ध, हरभजन सिंह, प्रीत कुमार, संयुक्त निदेशक, उद्यान, उत्तराखण्ड, मुख्य कोषाधिकारी/वित्त नियंत्रक टी०डी०सी० डॉ0 पंकज कुमार शुक्ल व टी०डी०सी० के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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