बेरहम कातिल, हत्या के बाद भी लाशों पर खूब चलाई कुल्हाड़ी। ऊधमसिंहनगर में दोहरा हत्याकांड का खुलासा,दो गिरफ्तार।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। देश के दिल्ली और मुंबई में पिछले दिनों हुई एक युवती और महिला के सनसनीखेज हत्याकांड के किस्से आपने जरूर सुने होंगे। दिल्ली की साक्षी की हत्या में जहां उसका आंशिक सरेआम उसे चाकुओं से गोदता रहा,तो मुंबई में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके हजारों टुकड़े कर एक बोरे में भर लिया था, महिला के शव के टुकड़ों वह कुकर में उबालते पकड़ा गया।
इधर ऊधमसिंहनगर के गदरपुर में पुलिस जिस दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पिछले एक सप्ताह से जुटी थी उसकी गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने जो दाबा किया है। वह यदि सही है। तो फिर यह मानवता को शर्मशार और रुह कंपा देने वाला।यानी हत्यारोपियों ने पहले दोनों की हत्या की और फिर उनके शव कुल्हाड़ी से टुकड़े टुकड़े कर नदी में फेंक दिया थे। पुलिस को उनके टुकड़े टुकड़े शव नदी से मिले थे
एसएसपी मंजूनाथ टीसी के मुताबिक छह जून को थाना केलाखेड़ा पर परमजीत कौर पुत्री सतनाम सिंह निवासी ग्राम रम्पुराकाजी के द्वारा एक तहरीरी सूचना दी गई कि उनकी बुआ जोगेन्द्रो बाई उम्र 45 पुत्री स्व० नारायण सिंह निवासी ग्राम रम्पुराकाजी थाना केलाखेड़ा जो खेतों के बीच एकांत में बने अपने घर पर अकेली रहती थीं। पांच जून की रात्रि में उनकी दादी बुआ जोगेंद्रो बाई जो अपने घर के आँगन में चारपाई पर सोई हुई थी, अगले दिन घर में नहीं मिली। चारपाई पर बिस्तर लगा हुआ था। जिस पर जोगेन्द्रो बाई की गुमशुदगी दर्ज की गई। ग्राम रम्पुराकाजी एवं आसपास के क्षेत्रों में गुमशुदा की काफी तलाश की गई।
सात जून को ग्राम रम्पुराकाजी के निकट बोर नदी में पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से सर्च अभियान चलाया तो नदी के अंदर से कुछ कपड़े व तीन मानव अंग एक दाहिने पैर की जाँघ से नीचे की टांग व एक बाएं पैर की जाँघ के नीचे की की कटी टाँग व एक दाहिने पैर का ऐड़ी से नीचे कटा हुआ पंजा बरामद हुआ। बरामदा मानव अंगों में से दो कटी हुई टांगों व कपड़ों के आधार पर उक्त शव की शिनाख्त जोगेन्द्रो बाई के रूप में हुई मृतका की पुत्री सोनम कौर द्वारा की गई। उसके शिनाख्त करने के बाद जोगेन्द्रो की हत्या करने एवं साक्ष्य छिपाने का थाना केलाखेड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया।
अभियोग की विवेचना थानाध्यक्ष केलाखेड़ा के द्वारा की गई। इसी बीच जानकारी प्राप्त हुई की एक व्यक्ति गुरमीत सिंह पुत्र दलीप सिंह निवासी ग्राम टुकड़ी बिचवा थाना नानकमत्ता जिला उधम सिंह नगर जो ग्राम रमंपुराकाजी में अपनी बेटी के ससुराल में पिछले छह महीनों से रह रहा था वह भी पांच जून की रात्रि से गुमशुदा है, जिसके पुत्र सोनू सिंह के द्वारा बौर नदी बरामद मानव अंगों में से कटे हुए पैर के पंजे को देखकर उसे अपने पिता गुरमीत सिंह के होने का शक जाहिर किया। इस प्रकार दुसरे मानव अंग की शिनाख्त गुरमीत सिंह पुत्र दलीप सिंह निवासी नानकमत्ता हाल निवासी ग्राम रमपुरा काजी के रूप में हुई। बरामद तीनों मानव अंगों का पंचायतनामा व पोस्टमार्टम करवाया गया एवं स्टेण्डर्ड डी.एन.ए. सैंपल लिए गए।
जनपद में घटित उक्त जघन्य हत्याकांड की गम्भीरता को देखते हुए घटना के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक अपराध एवं पुलिस अधीक्षक काशीपुर के पर्यवेक्षण एवं क्षेत्राधिकारी बाजपुर के मार्गदर्शन में अलग-अलग कार्यों हेतु पुलिस टीमों का गठन किया गया। शेष मानव अंगों की बरामदगी हेतु जल पुलिस, एसडीआरएफ, फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वाड व एसओजी के साथ मिलकर संयुक्त रूप से बोर नदी एवं आस पास के सरहदी थाना क्षेत्रों में भी सर्च अभियान चलाया गया, सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये एवं गाँव व आस-पास के लगभग 100-150 व्यक्तियों से पूछताछ की गई।
विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि गुमशुदा गुरमीत सिंह को पांच जून को धर्मेंद्र सिंह पुत्र भगवान सिंह निवासी ग्राम रम्पुराकाजी थाना केलाखेड़ा के साथ अंतिम बार देखा गया था। यह भी जानकारी मिली थी पांच जून की शाम को गुरदेव सिंह पुत्र जोगेन्द्र सिंह व धर्मेन्द्र सिंह पुत्र भगवान सिंह निवासीगण ग्राम रम्पुराकाजी को रात्रि में साथ में देखा गया था। गुमशुदा गुरमीत सिंह गुरदेव सिंह का ससुर था। गुरदेव सिंह व धर्मेन्द्र सिंह घटना के बाद से ही गांव में दिखाई नहीं दिए तो उनकी संदिग्धता और अधिक प्रतीत हुई। उक्त संदिग्धों गुरदेव एवं धर्मेन्द्र के मोबाइल नंबरों की सीडीआर प्राप्त कर विशलेषण किया गया एवं बोर नदी के आस-पास का डम्प डाटा लिया गया।
सीडीआर के विश्लेषण एवं पूछताछ के आधार पर गुरदेव सिंह एवं धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा अपने जुर्म का इकबाल किया गया। जिन्होंने बताया की जोगेंद्रो कौर अपने लालच के चलते अपनी ही बिरादरी के लोगों की जमीन गिरवी रख कर उस जमीन को गैर धर्म के व्यक्ति को दे देती थी और उस गैर धर्म के व्यक्ति के उसके साथ गलत सम्बन्ध थे। जिससे की हमारी बिरादरी की बदनामी हो रही थी। इसी बात से क्रोधित हो कर हम दोनों ने योजना बना ली की पांच जून की रात जोगेंद्रो की हत्या करेंगे। इसी बीच दूसरा मृतक गुरमीत सिंह जो की हमारी योजना की जानकरी रखता था ने हमको जोगेंद्रो कौर की हत्या करने पर पुलिस को सूचना देने की धमकी दी और उस योजना में व्यवधान डालने की कोशिश की। फिर उन दोनों ने उसी रात को समय करीब नौ बजे सबसे पहले परने से गुरमीत का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और उसकी लाश को उठाकर नदी के किनारे झाड़ियों में रख दिया। फिर दोनों ने जोगेंद्रो कौर को विश्वास में ले कर घर के पीछे बुला लिया। जिस पर वह चुपचाप हमारे साथ चल दी और खरले पर पहुँचते दोनों ने जोगेंद्रो कौर का भी परने से गला घोंट कर मार दिया। फिर उसकी लाश को उठाकर नदी में उसी स्थान पर ले गये जहाँ पर गुरमीत की लाश पड़ी थी फिर दोनों लाशों को पानी में डाला फिर आरोपी दोनों लाशों को खींचकर हरवंश के खेतों के पास नदी किनारे एक उचले स्थान पर ले गये। फिर दोनों ने उन दोनों लाशों के हाथ पैर सिर धड़ काट- काट कर अलग किया और उन टुकड़ों को नदी की बीच धारा में बहा दिया और उस कुल्हाड़ी एवं पाठल को थोड़ा सा अलग जगह पर पानी के अंदर झाड़ियों के नीचे छुपा दिया। फिर रात करीब दो बजे दोनों लोग वापस अपने-अपने घर आये। अगले दिन सुबह करीब दस बजे दोनों उसी स्थान पर जा कर बचा हुआ खून को अच्छे से धो कर साफ कर दिया, ताकि वहाँ कुछ दिखाई न दें।