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ठुकराल को फिर मिली मायूसी,भाजपा में वापसी की उम्मीद नहीं हुई पूरी।सीएम और प्रदेशाध्यक्ष से मुलाकात के बाद लौटे ठुकराल।अब चुनाव लडने पर संयम बरकरार 

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। नववर्ष 2025 के पहले दिन रुद्रपुर में पूरे दिन राजनीतिक माहौल गर्म रहा। सुबह सुबह पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की आडियो वायरल हुई तो हिंदू संगठनों का पारा चढ़ गया, विधायक शिव आरोरा ने भी उनके खिलाफ प्रेसवार्ता कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।इधर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल चहाने वालों ठुकराल की एक फोटो जारी कर उन्हें सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह बिष्ट के बीच में खड़ा दिखाया। चर्चा थी कि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की भाजपा में वापसी होने वाली है, लेकिन उनकी यह मंशा पूरी नहीं हुई है। फोटो सेशन के बाद ठुकराल वापस रुद्रपुर लौट आए हैं।अब सीएम और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें क्या भरोसा दिया है,यह अभी साफ नहीं हो पाया है, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि ठुकराल की भाजपा में वापसी की उम्मीद आज पूरी नहीं हो पाई है।

ऐसे अब पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और उनके भाई संजय ठुकराल महापौर पद के लिए की गई दावेदारी पर क्या निर्णय लेंगे यह गुरुवार को पता चलेगा।

भाजपा वापसी न होने के बाद पूर्व विधायक के निर्णय का सभी को इंतजार है।

आपको बता कि निकाय चुनाव से पहले पूर्व विधायक ने ऐलान किया था कि वह रुद्रपुर महापौर का चुनाव हर हाल में लड़ेंगे। चुनाव की घोषणा के पहले उनकी आडियो वायरल हुई जिसमें उनकी जमकर छीछालेदर हुई,इधर ठुकराल ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान कर दिया, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने की उनकी हशरत पूरी नहीं हो पाई,इधर कांग्रेस द्वारा ठुकराल को नहीं लिया गया तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। ठुकराल ने अपने भाई का भी महापौर चुनाव के लिए नामांकन कराया है। इसके बाद उनके भाजपा में वापसी की खबरें भी चलने लगी। बताया जाता कि बुधवार को ठुकराल के भाजपा में शामिल होने की पूरी उम्मीद थी, इसके लिए वह देहरादून भी पहुंच गए थे, उनके समर्थकों में खुशी भी थी, लेकिन शाम होते होते भाजपा शामिल होने की उनकी अटकलों पर विराम लग गया, ठुकराल ने सीएम पुष्कर सिंह, प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह बिष्ट से मुलाकात तो कि लेकिन उनकी भाजपा में वापसी नहीं हो पाई, जिससे ठुकराल को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है, ऐसे में उनके समाने बड़ा धर्म संकट खड़ा हो गया, यदि वह अपना पर्चा वापस लेते हैं तो जनता उनसे सवाल पूछेगी,और यदि चुनाव लड़ते हैं तो ठुकराल की भाजपा में लौटने की उम्मीद हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी। बताया जा रहा कि भाजपा हाईकमान ने भी ठुकराल के समाने वहीं सर्त रखी जो कांग्रेस ने रखी थी, यानी पहले पार्टी प्रत्याशी को बाहर रहकर चुनाव लड़ाओ, फिर विचार किया जायेगा। ऐसे ठुकराल क्या निर्णय लेते हैं गुरुवार को साफ हो जायेगा। ठुकराल मैदान छोड़ते हैं या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगें। निर्दलीय चुनाव लडने पर उनकी राह आसान नहीं होगी

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