बेखौफ भूमाफिया,अवैध कालौनी,सरकारी जमीन पर भी कब्जा!किच्छा एडीएम और डीडीए ने की कार्रवाई। महिला भूमाफिया तीन साथियों के एन एच घोटाले में भी जा चुकी है जेल। सरकारी जमीन पर पहले भी करती रही है कब्जा। खबर धमाका की खबर पर एक्शन
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (ख़बर धमाका)। खबर धमाका ने पिछले सप्ताह जिस अवैध कालौनी की खबर प्रकाशित की थी उसपर शुक्रवार को डीएम के आदेश पर पीला पंजा चल गया। जिसके बाद अवैध कालौनी कटा रहे भूमाफिया के कारनामे समाने आ गया है।वहीं तहसील प्रशासन और डीडीए की लापरवाही भी समाने आई है।
ऊधमसिंहनगर में भूमाफिया का खेल भी निराला है। भूमाफिया अवैध कालौनी काटकर सरकार को बड़ा राजस्व घाटा तो पहुंचा ही रहे हैं, सरकारी जमीन पर भी भूमाफिया कालौनी काट दें रहे हैं। इस पूरे खेल में तहसील प्रशासन, डीडीए की खामौसी भी सवालों के घेरे में है। जिसकी जांच की जरुरत है।
शुक्रवार को ऊधमसिंहनगर में किच्छा एसडीएम कौस्तिक मिश्रा ने डीडी के साथ एन एच 74 पर देवरिया टोल प्लाजा के पास अवैध रुप से काटी जा रही कालौनी पर कार्यवाही की। मामले में एक व्यक्ति द्वारा डीएम और एसडीएम से शिकायत कि गयी थी। शुक्रवार को डीएम के आदेश पर तहसील प्रशासन और डीडीए की संयुक्त टीम ने जब कार्यवाही की तो पता चला की भूमाफिया ने अवैध कालौनी की आड़ में सरकारी जमीन जो पहले वन विभाग की थी,उसपर भी कालौनी काट दी है।जिसे फिलहाल प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराकर उसपर बोर्ड लगा दिया है। बताया जा रहा कि सरकारी जमीन करोड़ रुपए की थी। जिसपर भूमाफिया ने की लोगों को प्लाट भी बेंच दिए हैं। सवाल यह उठता है कि यह कालौनी पिछले एक वर्ष से काटी जा रही है, ऐसे में वहां का पटवारी कहा था। शिकायत के बाद डीएम के आदेश पर ही तहसील प्रशासन क्यों जागा, क्या पटवारी की भूमाफिया के साथ मिलीभगत थी,यह जांच का विषय है।
इधर अवैध कालौनी काटने में जिन भूमाफियाओं के नाम समाने आ रहे उनमें एक नाम महिला भूमाफिया का भी शामिल जो पहले भी काफी चर्चा में रही है। एनएच 74 घोटले में वह अपने तीन साथियों के साथ जेल जा चुकी है। रुद्रपुर में सोनिया होटल के पास वह सीलिंग की जमीन पर और फुलसुंगा रोड पर सरकारी जमीन पर कालौनी काट चुकी है। महिला भूमाफिया ट्रांजिट कैंप के नारायण कालौनी में भी एक अवैध कालौनी काटने की तैयारी कर रही है।
जिस कालौनी पर कार्यवाही हुई उसका एक इकरार नामा भी समाने आया है, जिसमें महिला भूमाफिया का पूरा कारनामा दर्ज हैं। सबसे बड़ी बात यह कि खेती जमीन व्यवसायिक प्रयोग के लिए बेची जा रही थी,जिसका लैंड यूज भी नहीं बदला गया था। यानी की हर तरह खेल ही खेल हो रहा था, सरकार को बड़ा राजस्व चूना लगाया जा रहा था। यदि मामला डीएम उदयराज सिंह तक नहीं पहुंचता तो यह पूरा खेल हो जाता।
एसडीएम कौस्तिक मिश्रा के मुताबिक कालौनी अवैध है,जांच में उसमें सरकारी जमीन भी मिली है,जिसे मुक्त कराकर बोर्ड लगा दिया गया। आगे की कार्रवाई जिला विकास प्राधिकरण करेगा। उन्होंने बताया की अवैध कालोनियों और सरकारी जमीन को मुक्त कराने की लगातार कार्यवाही हो रही है,जो आगे भी जारी रहेगी।