तो बंद हो गए हैं भाजपा में ठुकराल के वापसी सभी रास्ते!लोकसभा चुनाव में थी वापसी की उम्मीद ठुकराल ने भाजपा में खेली राजनीति की लंबी पारी। एक गलती से बन गए बेचारे
नरेंद्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। राजनीति में कब किसका सितारा बुलंद हो जाए और कब वह अर्स फर्स पर आ जाए। इसका उदाहरण रुद्रपुर में भाजपा से दो बार विधायक रहे राजकुमार ठुकराल से बेहतर कोई दूसरा नहीं मिलेगा।
अपने छात्र जीवन से राजनीतिक पारी के बेताज बादशाह की तरह शुरुआत करने वाले राजकुमार ठुकराल 2022 तक रुद्रपुर ही नहीं उत्तराखंड के बड़े हिंदू चेहरा बन गए थे भाजपा को ऐसे चेहरों की जरूरत भी रहती है। लेकिन 2022 में टिकट कटने के बाद उनके द्वारा कि गई बगावत उनकी राजनीति का अंतिम पड़ाव साबित हो रही है। पिछले दो साल से ठुकराल भाजपा में वापसी की जुगत लगा रहे हैं, लेकिन उनके धुरविरोधी विधायक शिव अरोरा के सामने ठुकराल की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। लोकसभा चुनाव मीडिया में की बार ऐसी खबर समाने आई थी का ठुकराल की शीघ्र भाजपा में वापसी होने वाली है। लेकिन अब शायद फिलहाल उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके।
इसके दो कारण हैं,एक तो भाजपा को फिलहाल उनकी जरूरत महसूस नहीं हो रही, दूसरी ठुकराल को यदि भाजपा वापस लेती है,तो फिर शिव अरोरा की नाराज़गी का उसे भय सता रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने विधायक को नाराज करना नहीं चाहती है।
वैसे राजकुमार ठुकराल की बात करें तो जमीन पर उनकी पकड़ ऊधमसिंहनगर के सबसे बड़े कद्दावर नेता कि है,इस बात को इसी से समझा जा सकता कि ठुकराल को 2022 में भाजपा से बगावत के बाद भी 28 हजार मत मिले थे,जानकारी मानते हैं कि यदि भाजपा ठुकराल को टिकट देती तो उनकी 50 हजार मतों से जीत होती,
ठुकराल की राजनीति पारी की मानें तो वह छात्र संघ अध्यक्ष, पाषर्द, पालिकाध्यक्ष के साथ ही दो बार भाजपा से विधायक रहे हैं। उन्होंने भाजपा में अपनी जीत का परचम तब लहराया था जब रुद्रपुर में भाजपा का झंडा उठाने वाले कम ही लोग थे।
लेकिन यह सब राज और नीति का खेल है। कब किसका सितारा चमक जाए और कब उसका सितार छुप जाए कुछ नहीं कहा जा सकता।
फिलहाल राजनीति की लंबी पारी खेलने वाले ठुकराल बेचारे बन गए हैं।