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रुद्रपुर में 2016 से कमरे में कैद है दुर्गा देवी की मूर्ति। खबर चौंकने वाली,लेकिन सच है। पढ़ें,भाजपा के शासन में भी क्यों नहीं टूटे कैद के ताले।

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। कहते की भाजपा के राज्य के राज में हिन्दुओं के धार्मिक स्थल सुरक्षित है। अध्योया में राम मंदिर भाजपा की सरकार में ही सम्भव हो पाया है। लेकिन रुद्रपुर में एक देवी मां पिछले आठ वर्ष से एक कमरे में कैद। उसके बाहर निकलने के रास्ते प्रशासन ने ताला लगा रखा है। मामला भी उस जगह है,जहां सिर्फ एक धर्म के लोग ही रहते हैं।

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ऊपर लिंक पर क्लिक कर पढ़ें, भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र मिश्रा की पूरी बात 

रुद्रपुर के अधिकांश लोगों को शायद इसकी जानकारी नहीं होगी। लेकिन आज हम आपको इसका सच जरूर बतायेगें। शुक्रवार को भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र मिश्रा कीरतपुर गांव में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि कीरतपुर गांव बसने के पूर्व से ही गांव के मध्य में दो पीपल के वृक्ष है उसके नीचे स्थित भवन में मां दुर्गाजी का मन्दिर है उक्त भवन में मां दुर्गाजी की मूर्ति विराजमान है, मन्दिर में विगत 20 से 25 वर्षों से दुर्गा पूजा व अन्य धार्मिक आयोजन- सामाजिक कार्य होते रहे है। जबकि पूर्व ग्राम प्रधान सर्वेश सिंह द्वारा चुनावी रंजिश के तहत प्रशासन को गुमराह करके यह दर्शाया गया की पंचायत भवन में मूर्ति रख दी गयी है तथा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगडने की सम्भावना है जबकि गांव में किसी भी अन्य समुदाय के लोग नहीं रहते है तथा पंचायत भवन से मन्दिर विपरीत दिशा में है, उक्त पूजा स्थल पर एक आदेश दिनांक 7.12.2016 को तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया है जिसमें तत्कालीन प्रधान के आपत्ति पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है तथा दुर्गा मन्दिर का नाम लिखा हुआ वहां से मिटा दिया गया तथा माता जी की मूर्ति को ताले में बन्द कर दिया गया जबकि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है उक्त आदेश के कारण ग्रामवासी पूजास्थल पर नियमित पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे है, जिससे मां दुर्गाजी के नियमित पूजन व भोग प्रसाद चढाना व दीप धूप नहीं हो पाता है बाहर खिडकी से ही प्रसाद आदि चढाना पडता है जबकि पूर्व में ग्राम प्रधान सर्वेश सिंह के निर्वाचित होने से पहले पूरे गांव से उक्त स्थल पर मन्दिर निर्माण करने की सहमति ली गई थी जिसमें सर्वेश सिंह के भी हस्ताक्षर है उसके बाद ग्राम प्रधान ने चुनावी रंजिश को लेकर वहां पर विवाद उत्पन्न कर दिया एंव माता की मूर्ति हटाने का प्रयास करने लगा ताकि यहां पर मन्दिर का निर्माण न हो पाए इसी कम में माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका सर्वेश सिंह द्वारा मूर्ति हटाने के सम्बन्ध में लगाई, जिसमें माननीय न्यायालय ने जिलाधिकारी को 4 सप्ताह में निस्तारण करने के आदेश किये, जिसके पश्चात ग्राम प्रधान द्वारा एक झूठा पत्र जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया की कुछ असमाजिक लोगों ने पंचायत भवन में मूर्ति रख दी है तथा यहां पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगडने की सम्भावना है जिसके कारण वहां पर पी०ए०सी० तैनात कर दी गई, जो की लगभग डेढ माह तक रही, जबकि ऐसे विवाद की वहां पर कोई भी स्थिति नहीं थी, क्योकि दूसरे समुदाय का कोई भी व्यक्ति अभी तक वहां नहीं रहता। पंचायत भवन का निर्माण ग्राम प्रधान शिववचन वर्मा के कार्यकाल में हुआ था जिसका शपथ पत्र भी संलग्न है पूर्व में मन्दिर में नियमित पूजा अर्चना करने हेतू जिलाधिकारी के यहां 13.06.2024 को प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमें वर्तमान ग्राम प्रधान का सहमति पत्र भी संलग्न है। उक्त स्थल दुर्गा मन्दिर के नाम से भू-अभिलेखों में दर्ज है, इसी कम में जिलाधिकारी से उक्त बन्द पडे मन्दिर को शीघ्र सार्वजनिक हित खोलने की मांग की जा चुकी है,एंव पूर्व प्रधान द्वारा जो प्रशासन को गुमराह किया गया तथा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया, जिसके तहत पूर्व प्रधान के उपर उचित कानूनी कार्यवाही की कि मांग की गई है। इस दौरान राजकुमार सिंह, प्रकाश सिंह सुरेश सिंह जयप्रकाश सिंह मोहन पासवान, विनती प्रसाद, अनुराग सिंह, किरण सिंह, अनुराग सिंह, भोला पासवान, रामेश्वर नाथ मिश्रा, रघुनाथ प्रसाद, जयप्रकाश आशीष यादव सनी जायसवाल विनीत मिश्रा जयराम चौधरी धीरेंद्र सिंह मनिंदर सिंह लक्ष्य मिश्रा धीरेंद्र कुमार मिश्रा संजय चौधरी राजेश चौधरी सुभाष सिंह जगदीश पासवान कैलाश नाथ दुबे वीरेंद्र पाल सरवन सिंह अरविंद सिंह देवेंद्र सिंह अनुराधा प्रसाद राहुल कुमार आदि लोग मौजूद थे।

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