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उत्तराखंड

मांगों को लेकर आशा एवं आशा फैसिलेटटरों ने प्रदेशभर में किया प्रदर्शन।

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत आशा एवं आशा फैसिलेटटरों ने देहरादून सहित कई जिलों में एक दिवसीय धरना करके जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को विभिन्न मांगों के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा।

उत्तराखंड के कुमाऊं गढ़वाल के अलग-अलग जिलों की आशा एवं फैसिलेटटरों का कहना है।हम लोग लंबे समय से राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए कभी ज्ञापन के जरिए कभी धरना प्रदर्शन के जरिए अवगत करा चुके हैं लेकिन अभी तक हमारी जायज़ मांगों के निराकरण के लिए ना केन्द्र सरकार ने कोई ध्यान दिया ना राज्य सरकार ने।आज सोमवार को आशा कर्मचारियों के संगठनों ने अपनी मांगों के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा।इन आशा कर्मचारियों का कहना है।हम लोगों को स्वस्थ्य बिभाग के अलावा और भी सरकारी विभागों का दिया जाता परन्तु मानदेय के नाम से एक आम मजदूर के बराबर मानदेय नहीं दिया जाता है।इस न्यूनतम वेतन से पर्वतीय क्षेत्रों दुग्रम स्थानों की आशा कर्मचारियों को अपने घर परिवार के दिनचर्या चलाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। आशा फैसिलेटटरों को 24 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाय व आशा कार्यकर्ताओं 18हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाय।

आशा एवं आशा फैसिलेटटरों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाय।आशा कर्मचारियों की योग्यता अनुसार इन्हें पदोन्नति की जाय।

साल में सर्दी व गर्मियों की अलग-अलग युनिफॉर्म दी जाय। रिटायर्डमेंट बैनिफिट के तौर कम से कम 5लाख रुपये दिये जाय। आशा फैसिलेटटरों को 25दिन की डियूटी के बजाय 30दिन की स्थाई डियूटी दी जाय

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